भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत शुक्रवार तड़के सड़क हादसे का शिकार हो गए. हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. पंत की कार का एक्सीडेंट रूड़की के पास मोहम्मदपुर जाट एरिया में हुआ. घायल होने के बाद ऋषभ को रूड़की के एक अस्पताल ले जाया गया था. घटनास्थल से जिस 108 एम्बुलेंस से ऋषभ पंत को अस्पताल पहुंचाया गया, उस एम्बुलेंस के फार्मासिस्ट मोनू कुमार ने aajtak.in से बात की.
फार्मासिस्ट मोनू कुमार ने बताया कि शुक्रवार तड़के 5:40 के करीब एम्बुलेंस घटनास्थल पर पहुंची. तब तक वहां से गुजर रहा एक बस ड्राइवर ऋषभ को बहुत बुरी तरह जल रही गाड़ी से बाहर निकाल चुका था. इसके बाद उन्होंने ऋषभ को तुरंत स्ट्रेचर पर लिटाया और एंबुलेंस में रखा. तब ऋषभ को आंख में चोट लगी थी, नाक से खून बह रहा था, पीठ छिली हुई थी और पैर पर भी चोट थी. इस दौरान मोनू ने मरीज से उनका नाम पूछा तो ऋषभ ने फार्मासिस्ट मोनू से कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ऋषभ पंत हैं.
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बर्दाश्त के बाहर था ऋषभ का दर्द
इसके बाद ऋषभ ने फार्मासिस्ट से कहा कि 'भाई मुझे बहुत दर्द हो रहा है, पहले कोई दर्द का इंजेक्शन दे दो'. इसके बाद मोनू ने 108 से परमिशन लेकर दर्द का इंजेक्शन दिया. इसके बाद ऋषभ ने कहा कि मुझे किसी अच्छे प्राइवेट अस्पताल लेकर जाओ. इसके बाद मोनू कुमार उन्हें रूड़की के सक्षम अस्पताल लेकर गए, जो घटनास्थल के करीब 10-12 किलोमीटर दूर था.
पंत खुद क्यों चला रहे थे कार?
एम्बुलेंस में ऋषभ से पूछा गया कि हादसा कैसे हुआ तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ याद नहीं क्या हुआ. आंख लगी, फिर बाद में आग से घिरी हुई गाड़ी को देखा. वहीं, अस्पताल ले जाने के दौरान ऋषभ से पूछा गया कि आप कार खुद क्यों ड्राइव कर रहे थे? इस पर ऋषभ ने बताया कि उन्हें अकेले ड्राइव करने का कभी मौका नहीं मिल पाता है, टाइम नहीं मिल पाता, आज मौका मिला था तो वे खुद ही दिल्ली से अपने घर रूड़की जाने के लिए कार लेकर निकल पड़े थे.
पूछने पर बताया था किसका मोबाइल नंबर
इस दौरान ऋषभ से पूछा गया कि हम आपके परिवार या करीबी में किसे फोन कर सकते हैं. इस बात पर उन्होंने कहा कि मुझे मेरी मां के अलावा किसी का नंबर याद नहीं रहता. उन्होंने जो नंबर बताया वह उस वक्त बंद था. बाद में पुलिस के पहुंचने पर उनके परिवार को सूचित किया गया.