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टीम इंडिया से बाहर होने के बाद करुण नायर ने काटा गदर, रणजी मैच में बनाए इतने रन

करुण नायर टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ चुके हैं. करुण आठ साल बाद भारतीय टीम में लौटे, लेकिन खराब प्रदर्शन के चलते उनका दोबारा पत्ता कट गया. अब करुण रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

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करुण नायर ने गोवा के खिलाफ मैच में शानदार पारी खेली है. (File Photo: PTI)
करुण नायर ने गोवा के खिलाफ मैच में शानदार पारी खेली है. (File Photo: PTI)

रणजी ट्रॉफी 2025-26 में कर्नाटक की टीम अपना दूसरा मुकाबला गोवा के खिलाफ खेल रही है. शिमोगा के केएससीए नवुले स्टेडियम में खेले जा रहे इस मैच में करुण नायर ने शानदार प्रदर्शन किया है. करुण ने कर्नाटक की पहली पारी में नाबाद शतक जड़ा. करुण ने 267 गेंदों पर 174* रन बनाए, जिसमें 14 चौके और तीन छक्के शामिल रहे. करुण के फर्स्ट क्लास करियर का ये 25वां शतक रहा.

मैच के पहले दिन (25 अक्टूबर) ही करुण नायर ने अपना शतक पूरा कर लिया था. फिर दूसरे दिन वे दोहरे शतक की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन विद्वथ कावेरेप्पा के रन आउट होते ही कर्नाटक की इनिंग्स समाप्त हो गई. कर्नाटक की पूरी टीम पहली पारी में 371 रनों पर सिमट गई. करुण ने इससे पहले सौराष्ट्र के खिलाफ मुकाबले में 73 रनों की इनिंग्स खेली थी.

करुण नायर को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी. उससे पहले वो इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे. करुण 8 साल बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में लौटे थे, लेकिन बल्ले से उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. उन्हें विराट कोहली के रिटायरमेंट के बाद टेस्ट में नंबर-3 पर मौका मिला थाा, लेकिन मौके को भुना नहीं पाए. उन्होंने चार मैचों में 25.62 की औसत से 205 रन बनाए. उन्होंने कुछ पारियों में अच्छी शुरुआत की, लेकिन उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पाए.

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क्या फिर मिलेगा भारतीय टीम के लिए मौका?
अब गोवा के खिलाफ उनकी इनिंग्स यह संकेत देती है कि वो अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिए पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध हैं. करुण नायर को साउथ अफ्रीका-ए के खिलाफ होने वाले दो चार दिवसीय मैचों के लिए भी इंडिया-ए टीम में शामिल नहीं किया, जिससे यह साफ हो गया कि चयन समिति फिलहाल उनकी जगह दूसरे खिलाड़ियों को आजमाना चाहती है.

मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने करुण नायर को लेकर कहा था, 'हमने इंग्लैंड में करुण नायर से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की थी. बात सिर्फ एक पारी की नहीं है. देवदत्त पडिक्कल हमें ज्यादा विकल्प देते हैं. हम हर खिलाड़ी को 15-20 मौके देना चाहते हैं, लेकिन यह हमेशा संभव नहीं होता.' करुण की यह पारी उनके दृढ़ निश्चय, अनुभव और वापसी की ललक को दर्शाती है. हालांकि चयनकर्ताओं का रुख इस समय उनके पक्ष में नहीं दिख रहा, लेकिन रणजी ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन एक बार फिर उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे खोल सकती है.

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