इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. केकेआर ने 13 में से सिर्फ 5 मैच जीते हैं और वो मौजूदा सीजन में प्लेऑफ की रेस से पूरी तरह बाहर हो चुकी है. अब केकेआर अपना आखिरी मुकाबला 25 मई (रविवार) को सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के खिलाफ खेलेगी, जहां वो जीत हासिल करके सम्मानपूर्वक इस सीजन को अलविदा कहना चाहेगी.
कोलकाता नाइट राइडर्स ने पिछले सीजन आईपीएल खिताब जीता था और वो इस बार टाइटल डिफेंड करने का सपना लेकर उतरी थी, जो पूरा नहीं हुआ. आईपीएल के इतिहास में केवल मुंबई इंडियंस (MI) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ही खिताब का सफलतापूर्वक बचाव कर पाईं. सीएसके ने साल 2010 में खिताब जीतने के बाद अगले सीजन भी चैम्पियन बनी थी. वहीं मुंबई इंडियंस ने 2019 में ट्रॉफी उठाने के बाद 2020 के सीजन को भी अपने नाम किया. देखा जाए तो आईपीएल 2025 में कोलकाता नाइट राइडर्स के खराब प्रदर्शन की 3 बड़ी वजहें रहीं...
1. पहला तो ये कि जिस कप्तान के नेतृत्व में कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल 2024 अपने नाम किया था, उसे ही रिलीज करने का फैसला लिया गया. बात श्रेयस अय्यर की हो रही है, जिनकी कमी इस सीजन में केकेआर को निश्चित रूप से महसूस हुई. श्रेयस अब पंजाब किंग्स (PBKS) के लिए खेल रहे हैं, जहां उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी शानदार रही है. पंजाब किंग्स तो प्लेऑफ में पहुंच चुकी है.
2. कोलकाता नाइट राइडर्स के खराब प्रदर्शन की एक बड़ी वजह उसकी बल्लेबाजी रही. केकेआर की बल्लेबाजी अंगकृष रघुवंशी और अजिंक्य रहाणे पर काफी हद तक निर्भर रही. मौजूदा सीजन में कप्तान रहाणे ने 375 और अंगकृष ने 286 रन बनाए. रिंकू सिंह, रमनदीप सिंह, आंद्रे रसेल और वेंकटेश अय्यर की चौकड़ी ने तो बल्ले से बेहद निराश किया.
बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने 10 पारियों में 32.83 के एवरेज और 153.90 के स्ट्राइक-रेट से 197 रन बनाए. रिंकू ने इस दौरान 12, 17, 32*, 38*, 15*, 2, 17, 36, 19* और 9 के स्कोर किए. उधर दाएं हाथ के बल्लेबाज रमनदीप सिंह ने 6 पारियों में 8.50 के एवरेज और 113.33 की स्ट्राइक-रेट से महज 34 रन बनाए. इस दौरान उनके स्कोर 6*, 22, 1, 0, 1 और 4* रहे.
आंद्र रसेल भी केकेआर के लिए बैटिंग में कमजोर कड़ी साबित हुए. रसेल ने 9 पारियों में 20.87 की एवरेज से 167 रन बनाए हैं. इस दौरान रसेल के स्कोर 4, 5, 1, 7, 17, 21, 17, 57* और 38 रहे. वहीं वेंकटेश अय्यर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 23.75 करोड़ रुपये में अपनी टीम में दोबारा शामिल किया था. लेकिन वेंकटेश का बल्ला शांत रहा. वेंकटेश ने 7 पारियों में 20.28 के एवरेज और 139.21 की स्ट्राइक-रेट 142 रन बनाए. उनके स्कोर 6, 3, 60, 45, 7, 14, और 7 रहे.
कोलकाता नाइट राइडर्स को इस सीजन बैटिंग में अच्छा स्टार्ट भी नहीं मिला. क्विंटन डिकॉक को शुरुआती मैचों में सुनील नरेन के साथ ओपनिंग में मौका मिला, लेकिन डिकॉक एक इनिंग्स को छोड़कर बाकी में फ्लॉप ही रहे. डिकॉक ने 7 मैचों में 143 रन बनाए और उनका बेस्ट स्कोर 97* रहा. बाद में डिकॉक की जगह केकेआर ने रहमानुल्लाह गुरबाज को सुनील नरेन के साथ ओपनिंग के लिए भेजा, लेकिन ये जोड़ी भी क्लिक नहीं कर पाई. नरेन ने 11 मैचों में 215 और गुरबाज ने 5 इनिंग्स में 74 रन बनाए.
3. कोलकाता नाइट राइडर्स को गौतम गंभीर की भी कमी खली, जो पिछले सीजन में टीम के मेंटर थे. गंभीर को भारतीय टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया था, जिसके चलते केकेआर और उनका साथ छूट गया. गंभीर के जाने के बाद टीम के हेड कोच चंद्रकात पंडित पर एक तरह से रणनीति बनाने की पूरी जिम्मेदारी आ गई, लेकिन भरसक प्रयास के बावजूद वो इस सीजन टीम की किस्मत बदलने में कामयाब नहीं रहे.