इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के 29वें मुकाबले में मुंबई इंडियंस (MI) ने दिल्ली कैपिटल्स (DC) को 12 रनों से हरा दिया. इस मुकाबले में दिल्ली को जीत के लिए 206 रनों का टारगेट मिला था, लेकिन उसकी पूरी टीम 193 रनों पर ही ढेर हो गई. दिल्ली कैपिटल्स की पांच मैचों में ये पहली हार रही. दूसरी ओर पांच बार की चैम्पियन टीम मुंबई इंडियंस की छह मैचों में ये दूसरी जीत रही.
इस मुकाबले के दौरान एक दिलस्प वाकया देखने को मिला. जब सूर्यकुमार यादव के आउट होने के बाद मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या बैटिंग के लिए उतरे, तो उनके बल्ले की जांच की गई. अंपायर ने ये सुनिश्चित करना चाहा कि बल्ले का साइज टूर्नामेंट के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के मुताबिक है या नहीं.
अंपायर ने इसके लिए एक गेज (gauge) का उपयोग किया. अंपायर ने गेज को हार्दिक पंड्या के बल्ले पर चलाया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये बिना किसी परेशानी के बल्ले से गुजर जाए. इससे पहले रविवार (13 अप्रैल) को ही राजस्थान रॉयल्स (RR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच हुए मैच के दौरान शिमरॉन हेटमायर और फिल साल्ट के बल्ले की भी जांच की गई थी.
IPL की प्लेइंग कंडीशन्स के अनुसार बल्ले का ब्लेड निम्न आयामों (dimensions) से अधिक नहीं होना चाहिए:
चौड़ाई: 4.25 इंच / 10.8 सेमी.
गहराई: 2.64 इंच / 6.7 सेमी.
किनारे (edges): 1.56 इंच / 4.0 सेमी.
इसके अलावा बल्ला गेज से भी गुजरने में सक्षम होना चाहिए.
अक्सर हाईस्कोरिंग मैच में अंपायर बल्ले की सावधानीपूर्वक जांच करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बल्लेबाज गेंदबाजों के खिलाफ अनुचित लाभ नहीं उठा सके. टी20 क्रिकेट में टीमें अब 200 प्लस टारगेट को आसानी से चेज करने लगी हैं. हाल ही में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने पंजाब किंग्स (PBKS) के खिलाफ 246 रनों का टारगेट चेज कर लिया था. यह टूर्नामेंट के इतिहास का दूसरा सबसे सफल रनचेज था.
बता दें कि क्रिकेट बैट के दो भाग होते हैं- एक हैंडल और एक ब्लेड. हैंडल मुख्य रूप से बेंत या लकड़ी का बना होना चाहिए. हैंडल का वह पार्ट जो ब्लेड से पूरी तरह बाहर होता है, उसे हैंडल का ऊपरी हिस्सा कहा जाता है. यह बल्ले को पकड़ने के लिए शाफ्ट (Shaft) के रूप में प्रयोग होता है. हैंडल के ऊपरी हिस्से को ग्रिप से ढंका जा सकता है. ब्लेड केवल लकड़ी का बना रहना चाहिए.