Four Day Test Match Debate: टेस्ट क्रिकेट में पिछले कुछ सालों से एक डिबेट धीरे-धीरे अंकुरित हो रही है. यह बहस है कि टेस्ट मैचों को 5 की बजाय 4 दिनों का कर देना चाहिए. इसके पक्ष में कई दिग्गज हैं, तो कुछ इसके खिलाफ भी हैं. मगर ज्यादातर का मानना है कि आज जबरन ही 5 दिन का टेस्ट खेला जा रहा है. यदि इस टेस्ट फॉर्मेट का रोमांच बरकरार रखना है, तो उसे 4 दिन का ही कर देना चाहिए.
इस बहस के जन्म लेने की एक बड़ी वजह है कि इस 5 दिवसीय मैच में भी फटाफट क्रिकेट का रंग चढ़ता दिख रहा है. टेस्ट मैच अब भी पांच दिनों का होता है, लेकिन पांचवें दिन तक चलता बहुत ही कम है. ज्यादातर टेस्ट 4 या उससे कम दिनों में ही खत्म हो जाते हैं. यानी नतीजा निकलने का प्रतिशत 90 से ज्यादा का हो गया है.
खिलाड़ियों के बीच ड्रॉ के लिए जद्दोजहद करने का रोमांच पूरी तरह से गुम हो गया है. यह बात हम नहीं बल्कि आंकड़े कह रहे हैं. हम ज्यादा नहीं, सिर्फ पिछले एक साल का रिकॉर्ड देखें तो इस दौरान कुल 45 टेस्ट मैच खेले गए हैं. इनमें से 9 टेस्ट मैच ही 5 दिन तक चले. कई टेस्ट मैच 3 दिन या 2 दिन में ही खत्म हो गए.
बड़ी बात तो यह है कि इन 45 में से सिर्फ एक ही टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ है. यदि पिछले 10 टेस्ट मैचों का ही रिकॉर्ड देखें, तो इसमें सिर्फ एक मैच ही ऐसा रहा है, जो 5वें दिन तक चला है. 9 मुकाबले तो 4 या उससे कम ही दिनों में खत्म हो गए हैं. ऐसे में अब यह धारणा भी बहुत तेजी से मजबूत होती जा रही कि जब 4 दिन में ही टेस्ट का रोमांच देखने को मिल रहा है, तो 5वें दिन का क्या काम?
यानी ICC को नियम बदलकर अब टेस्ट मैच 4 दिन का ही कर देना चाहिए. इससे टेस्ट क्रिकेट और आईसीसी समेत तमाम क्रिकेट बोर्ड को कई सारे फायदे हो सकते हैं. सबसे बड़ा और अहम फायदा तो यही होगा कि टेस्ट का रोमांच बरकरार रहेगा. 4 दिन में टेस्ट ड्रॉ होने का रोमांच भी देखने को मिल सकता है. आइए एक नजर में जानते हैं बाकी तमाम फायदों को...
वर्कलोड कम होगा
टेस्ट क्रिकेट के कारण खिलाड़ियों में हमेशा ही वर्कलोड का एक मुद्दा बना रहता है. यदि 5 की बजाय 4 ही दिन का टेस्ट मैच कर दिया जाए तो खिलाड़ियों को ब्रेक के लिए एक दिन अतिरिक्त मिल जाएगा. ऐसे में खिलाड़ियों का वर्कलोड वाला मामला भी आसानी से खत्म हो सकता है.
टेस्ट में रोमांच बढ़ जाएगा
4 दिन में 2 टीमों को 4 पारियां खेलनी होंगी. इसमें उन्हें लीड बनानी और उतारनी होगी. बड़ा टारगेट देने का भी दबाव होगा. ऐसे में दोनों टीमों के बीच 4 दिन में 4 पारियों का यह खेल काफी रोमांचक हो सकता है. इसमें ड्रॉ होने के भी चांस रहेंगे, जिसका रोमांच अलग रहेगा.
ज्यादा टेस्ट खेल सकती हैं टीमें
जब 5 दिन की बजाय 4 दिनों का टेस्ट मैच कराया जाएगा, तो टीमों के बीच द्विपक्षीय सीरीज के तहत एक मैच ज्यादा खेलने के भी चांस रहेंगे. क्योंकि उनके पास कुछ एक्स्ट्रा समय रहेगा. यदि कोई टीम 13 दिन में 2 टेस्ट की सीरीज खेलती है, तो वो 15 दिन में 3 टेस्ट की सीरीज खेल सकती है. इससे क्रिकेट बोर्ड को एक्स्ट्रा रेवेन्यू का भी फायदा होगा.
रोमांचक हो जाएगी चैम्पियनशिप
यदि टेस्ट मैच का एक दिन कम किया जाता है, तो उस स्थिति में सबसे ज्यादा फायदा ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) को भी हो सकता है. यह चैम्पियनशिप 2 साल तक चलती है. इतने लंबे सीजन के बाद पॉइंट्स टेबल के लिहाज से टॉप-2 टीमों के बीच फाइनल खेला जाता है. 4 दिन का टेस्ट होने से इस वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का रोमांच बढ़ जाएगा.
3 मैचों का हो सकता है WTC फाइनल
साथ ही एक एक और जो सबसे बड़ा फायदा है, वो वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल की संख्या बढ़ाने का रहेगा. दरअसल, 2 साल तक लंबा सीजन खेलने के बाद पॉइंट्स टेबल के लिहाज 2 टीमें किसी तरह फाइनल में जगह बनाती हैं. मगर वहां एक ही फाइनल होता है, जिससे चैम्पियन का फैसला होता है.
मगर यहां ज्यादातर दिग्गजों का मानना है कि WTC फाइनल एक मैच का नहीं होना चाहिए, बल्कि 3 मैचों की सीरीज होनी चाहिए. तीन में से 2 मैच जीतने वाली टीम को चैम्पियन माना जाना चाहिए. 4 दिन का टेस्ट होने से ICC के पास इस WTC फाइनल को भी 3 मैचों की सीरीज में बदलने का सबसे अच्छा मौका रहेगा.