Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. मान्यता है कि त्रेता युग में इसी पावन तिथि को अयोध्या नरेश दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र राम और मिथिला नरेश जनक की पुत्री सीता का विवाह धूमधाम से हुआ था. ऐसा माना जाता है कि इस दिन यदि श्रद्धापूर्वक श्रीराम–सीता का पूजन, व्रत या कीर्तन किया जाए, तो वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है. इस दिन कुछ खास उपाय करने से प्रभु श्रीराम और मां सीता की कृपा मिलती है, जानते हैं उन उपायों के बारे में
शीघ्र विवाह के लिए उपाय
जल्दी विवाह के लिए या फिर विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए विवाह पंचमी के दिन व्रत रखना चाहिए. विधि-विधान के साथ भगवान राम और माता सीता का पूजन करना चाहिए, और प्रभु श्रीराम और माता-सीता का विवाह करवाना चाहिए.
जीवन में सकारात्मकता के लिए
शास्त्रों में जिक्र मिलता है कि मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि केवल श्रीराम–सीता के विवाह का ही दिन नहीं है, बल्कि इसी पावन तिथि पर गोस्वामी तुलसीदासजी ने अपने अमर और दिव्य ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ की रचना पूर्ण की थी. यह संयोग इस दिन को और भी अधिक शुभ, मंगलमय बनाता है. इस दिन रामचरितमानस का पाठ करने से जीवन के सभी विकार दूर होते हैं.
सुखी दांपत्य जीवन के लिए
जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में तनाव, आपसी मतभेद, अनबन या किसी भी तरह की पारिवारिक समस्या चल रही हो, उनके लिए विवाह पंचमी का दिन अत्यंत शुभ अवसर माना जाता है. अगर ऐसी कोई परेशानी है तो इस दिन श्रीराम और सीताजी की पूजा करके श्रीराम रक्षा स्रोत का पाठ करें. भगवान श्रीराम का विधिवत पूजन और सांकेतिक रूप से या उत्सव के रूप में भगवान का विवाह सीताजी से कराया जाए तो जीवन में सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. विवाह पंचमी पर "ॐ जानकीवल्लभाय नमः" मन्त्र का जाप करें.