अगर आप अपने घर में वास्तु शास्त्र के नियमों का ध्यान रखते हैं, तो यह न केवल आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखता है, बल्कि आपके जीवन में शांति, समृद्धि और सुख भी लाता है. वहीं, अगर इन नियमों की अनदेखी की जाती है, तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जो कई तरह की समस्याओं, बाधाओं और नकारात्मक परिस्थितियों की वजह बन जाता है. अक्सर वास्तु दोष के कारण घर में कलह, मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और कामकाज में रुकावट जैसी दिक्कतें देखने को मिलती हैं.
अगर आपके घर में भी लगातार ऐसी परेशानियां हो रही हैं, तो हो सकता है कि कहीं न कहीं वास्तु संतुलन बिगड़ा हुआ है. ऐसे में इन संकेतों को नजरअंदाज न करें, आप समय रहते कुछ सरल वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं और सकारात्मकता को बढ़ा सकते हैं.
अगर आपके घर में बिना वजह क्लेश, मनमुटाव या मानसिक अशांति बनी रहती है, तो यह सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि वास्तु दोष का संकेत भी हो सकता है. जब घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है, तो इसका असर पारिवारिक संबंधों और सुख-शांति पर भी पड़ता है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको विशेष रूप से नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम दिशा) से जुड़े वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए. यह दिशा घर की स्थिरता, संबंधों और आर्थिक मजबूती से जुड़ी होती है.
वास्तु दोष के उपाय
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) घर की सबसे पवित्र और ऊर्जावान दिशा होती है. इस दिशा में टॉयलेट या गंदगी होना वास्तु दोष का प्रमुख कारण बनता है. वास्तु दोष के कारण घर में लगातार बीमारियां, मानसिक तनाव और असंतुलन बना रह सकता है. ईशान कोण में टॉयलेट न बनवाएं. अगर पहले से है, तो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाता है. ईशान कोण को रोशन, साफ और शांत रखें ताकि ऊर्जा का प्रवाह बना रहे. यदि संभव हो, तो इस दिशा में छोटा मंदिर या ध्यान स्थल बनाना अत्यंत लाभदायक होता है. संतुलित ईशान कोण आपके घर में स्वास्थ्य, सुख-शांति और सकारात्मकता बनाए रखता है.
धन से जुड़ा वास्तु दोष
अगर घर में वास्तु दोष हो, तो इसका असर धन और समृद्धि पर भी पड़ सकता है. अक्सर ऐसी स्थिति में आर्थिक रुकावटें, खर्चों में वृद्धि या संपत्ति से जुड़े विवाद देखने को मिलते हैं. इससे बचने के लिए विशेष रूप से उत्तर दिशा के नियमों का ध्यान रखें, क्योंकि यह दिशा कुबेर देव यानी धन के देवता से जुड़ी मानी जाती है.
उत्तर दिशा को हमेशा साफ रखें. इस दिशा में वास्तु यंत्र की स्थापना करें. यह आर्थिक स्थिरता और धनवृद्धि में सहायक होता है. ध्यान रखें कि इस दिशा में कोई भारी वस्तु या दीवार अवरोध न हो, ताकि ऊर्जा का प्रवाह बना रहे.