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Tulsi Puja Vastu Tips: तुलसी पूजा में की गईं ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, बिल्कुल ना करें इन्हें अनदेखा

Tulsi Puja Vastu Tips: तुलसी पूजा वास्तु शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है, जिनकी कृपा घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाती है. तो आइए जानते हैं तुलसी की पूजा करते समय किन गलतियों से बचना चाहिए.

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तुलसी पूजा करते समय इन नियमों का करें पालन (Photo: ITG)
तुलसी पूजा करते समय इन नियमों का करें पालन (Photo: ITG)

Tulsi Puja Vastu Tips: सनातन परंपरा में जड़ और चेतन सब में ईश्वर की भावना है. नदियां, पहाड़, पत्थर यहां तक की पेड़ पौधों में भी ईश्वर का वास है. पौधों में देवियों और देवताओं का वास इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनके अंदर नकारात्मक ऊर्जा नष्ट करने की क्षमता होती है. उन्हीं में से एक है तुलसी जी का पौधा. तुलसी के पौधे में औषधीय के साथ साथ दैवीय गुण भी पाए जाते हैं. पुराणों में तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी कहा जाता है. कहते हैं कि भगवान विष्णु ने छल से इनका वरण किया था. 

वास्तु शास्त्र के मुताबिक भी तुलसी का पौधा बहुत ही खास माना जाता है. इनको मां लक्ष्मी का ही एक रूप माना जाता है जिसे हर घर में पूजना विशेष फलदायी माना जाता है. तुलसी का पौधा घर या आंगन के बीचों बीच लगाना चाहिए या इसे अपने शयन कक्ष के पास की बालकनी में भी लगाया जा सकता है. वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में तुलसी की पूजा करते समय कुछ गलतियां करना भी बहुत ही अशुभ माना गया है. आइए जानते हैं कि उन विशेष गलतियों के बारे में. 

नियमित रूप से चढ़ाएं जल

जिस घर में तुलसी जी की रोजाना पूजा-उपासना की जाती है, वहां सदैव मां लक्ष्मी की बनी रहती है. इसलिए, तुलसी जी की रोजाना पूजा करते समय जल अवश्य चढ़ाएं. 

इस दिन न चढ़ाएं जल

वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात के समय तुलसी जी को जल नहीं देना चाहिए. मान्यता है कि रात में माता तुलसी विश्राम करती हैं. इसके अलावा, रविवार और एकादशी के दिन भी तुलसी जी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए. 

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इस समय न तोड़ें तुलसी के पत्ते

बहुत से लोग न दिन देखते हैं और न शाम, किसी भी वक्त तुलसी के पत्ते तोड़ लेते हैं. धार्मिक मान्यतानुसार, शाम का समय तुलसी जी के विश्राम का समय होता है, इसलिए इस समय तुलसी जी के पत्ते तोड़ना बहुत ही अशुभ होता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, तुलसी के पत्ते तोड़ने का सबसे अच्छा समय होता है ब्रह्म मुहूर्त या सुबह के स्नान के बाद. 

स्नान के बिना ना करें स्पर्श

वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिना स्नान किए कभी भी तुलसी जी को स्पर्श नहीं करना चाहिए. खासतौर पर सुबह स्नान करने के बाद ही इसका स्पर्श करें और तभी पत्ते तोड़ें.

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