Surya Grahan 2025: आज रात साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होने जा रहा है. यह ग्रहण करीब साढ़े चार घंटे तक रहेगा. सूर्य ग्रहण रात 11 बजे से शुरू होकर 22 देर रात 3 बजकर 23 बजे तक रहने वाला है. हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी यहां मान्य नहीं होगा. हिंदू धर्म में सूतक काल का विशेष महत्व है. आमतौर पर लोग सूर्य या चंद्र ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक के बारे में ही जानते हैं. सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले से लागू हो जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में शिशु के जन्म के बाद भी सूतक लगता है.
शिशु के जन्म पर क्यों लगता है सूतक?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिशु के जन्म के समय नाल काटने को एक हिंसा के रूप में देखते हुए सूतक लागू होता है. इसे महाराष्ट्र में वृद्धि, राजस्थान में सांवड़ और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार जैसे राज्यों में 'सूतक' कहा जाता है. विभिन्न समुदायों में सूतक के अलग-अलग नियम हो सकते हैं. सूतक 6 दिन, 10 दिन या तकरीबन एक महीने तक लागू हो सकता है. इस दौरान पूजा-पाठ वर्जित होती है. घर के सदस्य शुभ-मांगलिक कार्यों में शामिल नहीं होते हैं. कुछ घरों में तो गर्भवती महिलाओं को रसोई में भी जाने से रोका जाता है.
ऐसा माना जाता है कि शिशु के जन्म के समय लगने वाले सूतक का उद्देशय मां की अशुद्धि को हटाना है. इस दौरान सूतक के नियमों का पालन करने से नकारात्मक ऊर्जा से गर्भवती और नवजात का बचाव होता है. इसलिए जिस घर में शिशु का जन्म होता है, उस घर के लोग सूतक काल में किसी भी धार्मिक क्रिया में हिस्सा नहीं लेते है. बच्चे के माता-पिता मंदिर या किसी और धार्मिक स्थल नहीं जा सकते. घर का कोई सदस्य दूसरों के घर आना-जाना नहीं कर सकता है. सूतक समाप्त होने पर स्नान-दान और कुछ विशेष उपाय के बाद ही ऐसा करना संभव होता है.
क्या है दोनों की बीच अंतर?
सूर्य या चंद्र ग्रहण के सूतक में मुख्य रूप से बच्चे, बुजुर्ग, बीमार लोग या गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. इस दौरान घर के अन्य सदस्यों को पूजा-पाठ और खान-पान से जुड़ी सावधानियों बरतनी पड़ती हैं. जबकि शिशु के जन्म के समय लगे सूतक में नवजात और मां को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए नियम लागू होते हैं. चंद्र या सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण से पहले लागू होता है. वहीं, दूसरा सूतक शिशु के जन्म के बाद लागू होता है.