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Surya Grahan 2025: शारदीय नवरात्र पर सूर्य ग्रहण की छाया! घटस्थापना से पहले जरूर करें ये 3 काम

Shardiya Navratri 2025: सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद 22 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का आगाज होगा. मान्यता है कि ग्रहण के बाद नकारात्मक ऊर्जा का असर पृथ्वी पर बना रहता है. ऐसे में जानिए घटस्थापना करते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

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सूर्य ग्रहण के ठीक दूसरे दिन यानी 22 सितंबर को शारदीय नवरात्र शुरू होंगे. (Photo: Pixels)
सूर्य ग्रहण के ठीक दूसरे दिन यानी 22 सितंबर को शारदीय नवरात्र शुरू होंगे. (Photo: Pixels)

Shardiya Navratri Ghatsthapana 2025: 21 सितंबर को साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. सूर्य ग्रहण के ठीक दूसरे दिन यानी 22 सितंबर को शारदीय नवरात्र शुरू होंगे. 22 सितंबर रात 1 बजकर 23 मिनट से प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी. प्रतिपदा तिथि पर ही घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या सूर्य ग्रहण के अगले दिन घटस्थापना कैसे होगी और कलश स्थापना से पहले कौन से उपाय किए जाएं.

भारतीय समयानुसार, सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 10.59 बजे शुरू होकर देर रात 03.23 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. सूतक काल केवल उन्हीं स्थानों पर प्रभावी होता है, जहां ग्रहण प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है. ऐसे में भारत में न तो मंदिरों के द्वार बंद होंगे और न ही पूजा-पाठ या अन्य धार्मिक कार्यों पर कोई रोक रहेगी. लोग अपनी दिनचर्या और धार्मिक गतिविधियों को सामान्य रूप से कर सकते हैं.

लेकिन हिंदू धर्म में सूर्य या चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने के बाद नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पृथ्वी पर रहता है. इसलिए शारदीय नवरात्र की पूजा शुरू करने से पहले कुछ काम जरूर करना चाहिए. जिससे घर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाए.

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ग्रहण के बाद घटस्थापना से पहले जरूर करें ये काम

1. सुबह जल्दी उठकर घर की अच्छी तरह सफाई करें: ग्रहण खत्म होने के बाद भी उसका नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर रहता है. इसलिए सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पूरे घर की साफ-सफाई करें. खासतौर पर पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र बनाना जरूरी है.

2. गंगाजल का छिड़काव करें: गंगाजल से घर का वातावरण पवित्र और शांत हो जाता है. इसलिए ग्रहण के बाद घर के हर कोने, पूजा स्थल और दरवाजों पर गंगाजल का छिड़काव जरूर करें. पूजा सामग्री को गंगाजल से शुद्ध करें. घटस्थापना या कलश स्थापना के लिए जो भी सामग्री लाई गई हो (कलश, नारियल, फल-फूल, मिट्टी, अनाज आदि), उन सब पर गंगाजल का छिड़काव करें.

3. स्वयं स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें: पूजा शुरू करने से पहले स्नान अवश्य करें. शुद्ध और साफ कपड़े पहनें. पीले रंग के कपड़े पहनें. नवरात्रि में पीला रंग बहुत शुभ माना जाता है. यह समृद्धि, सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. घटस्थापना के समय पीले वस्त्र पहनना विशेष फलदायी माना जाता है.

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