आज यानी 8 अप्रैल, सोमवार को सोमवती अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगने जा रहा है. अमावस्या पर लगने जा रहा यह सूर्य ग्रहण आज रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और समापन 2 बजकर 22 मिनट पर होगा, जिसकी अवधि 5 घंटे 10 मिनट होगी.
ज्योतिषियों के अनुसार, ये एक पूर्ण सूर्य ग्रहण है. हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पैसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में ही नजर आएगा. सूर्य ग्रहण का लाइव स्ट्रीम देखने के लिए यहां क्लिक करें-
सूतक काल मान्य होगा या नहीं?
आमतौर पर सूर्य ग्रहण शुरू होने से लगभग 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है. हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा तो इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. अगर सूतक काल मान्य होता है तो इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा या अनुष्ठान जैसे शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. इसके साथ ही सूतल काल में कुछ सावधानियों को बरतना भी काफी जरूरी होता है.
भारत में तो नहीं लेकिन यह ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पैसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में नजर आएगा.
साल का यह पहला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं है.
इस ग्रहण का प्रभाव अगले एक महीने तक दुनिया पर पड़ेगा. अलग-अलग राशियों पर भी इसका प्रभाव दिखा देगा. ज्योतिषों के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण कर्क, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के लिए मध्यम फलदायी रहेगा.वृषभ, मिथुन, तुला और मकर राशि के लिए ये परिणाम उत्तम होंगे. वहीं, मेष, सिंह और धनु राशि वालों को विशेष सावधानी रखनी होगी. वृषभ, मिथुन, तुला और मकर राशि के लिए ये परिणाम उत्तम होंगे. वहीं, मेष, सिंह और धनु राशि वालों को विशेष सावधानी रखनी होगी.
सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करके किसी निर्धन को दान अवश्य करना चाहिए. दान करने अच्छा फल जरूर आदमी को मिलता है. ग्रहणकाल में मंत्र जाप करना, ध्यान करना विशेष लाभकारी होगा. ग्रहणकाल में की गई पूजा निश्चित रूप से स्वीकार होती है. सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान के नाम का स्मरण जरूर करना चाहिए. भगवान के नाम की माला जप करना भी काफी अच्छा माना जाता है.
ग्रहण काल में सामान्यत: सूतक लग जाता है. इस काल में बहुत सारी सावधानियां का पालन करना पड़ता है. हालांकि, ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसीलिए, नियमों के पालन की कोई आवश्यकता नहीं होगी.