ग्रहों के सेनापति मंगल हमेशा से ऊर्जा, पराक्रम, साहस और निर्णय क्षमता के प्रतीक माने जाते हैं. यह ग्रह व्यक्ति को संघर्ष करने की शक्ति, लक्ष्य तक पहुंचने का जज़्बा और आत्मविश्वास देता है. लेकिन जब मंगल अस्त अवस्था में आते हैं, तब उनका प्रभाव कमजोर पड़ जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 1 नवंबर की शाम 6:36 बजे, मंगल वृश्चिक राशि में अस्त हो चुके हैं. अब आने वाले 51 दिनों तक मंगल अस्त अवस्था में रहेंगे. इस अवधि में मंगल का तेज धीमा पड़ जाएगा, जिससे कई राशियों को अपने जीवन के अलग-अलग पहलुओं जैसे करियर, स्वास्थ्य, संबंधों, निवेश और निर्णयों में विशेष सतर्कता रखनी होगी. जानते हैं मंगल अस्त का प्रभाव किन राशियों पर ज्यादा देखने को मिल सकता है.
मेष राशि
मेष राशि के स्वामी स्वयं मंगल हैं, इसलिए इनके अस्त होने से इसका सीधा प्रभाव आप पर पड़ेगा. इस अवधि में आपके आत्मविश्वास में थोड़ी कमी महसूस हो सकती है. कार्यस्थल पर योजनाएं धीमी गति से आगे बढ़ेंगी. क्रोध पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी होगा, क्योंकि छोटी-छोटी बातों पर वाद-विवाद बढ़ सकता है. किसी नए निवेश या बड़े निर्णय को इस समय टालना ही बेहतर रहेगा. मेष राशि वाले अशुभ प्रभाव से बचने के लिए
मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें. लाल मसूर दान करें.
मिथुन राशि
मंगल का अस्त होना आपके संचार और संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है. इस समय वाणी पर नियंत्रण रखना जरूरी होगा. कही गई बात गलत अर्थ में ली जा सकती है. कार्यस्थल पर गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं, इसलिए टीमवर्क में धैर्य रखें. यात्रा करते समय सावधानी बरतें. किसी भी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत सोच-समझकर करें.स्वास्थ्य की दृष्टि से, थकान या अनिद्रा जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं.
उपाय: बुधवार के दिन हरे वस्त्र धारण करें और गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें.
मीन राशि
मंगल का अस्त होना आपके भाग्य और निर्णय क्षमता को प्रभावित कर सकता है. आपको ऐसा लग सकता है कि आपकी मेहनत का फल देर से मिल रहा है.यात्रा या शिक्षा से जुड़े निर्णयों में रुकावटें आ सकती हैं. धार्मिक कार्यों या मानसिक शांति के लिए ध्यान और प्रार्थना का सहारा लेना फायदेमंद रहेगा. साझेदारी वाले कामों में भी सतर्क रहें. किसी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें.
उपाय: गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और विष्णुजी को पीले पुष्प अर्पित करें.