भारत समेत कई देशों में आज चंद्रग्रहण दिखाई देगा. इसकी कुल अवधि 90 मिनट की होगी. हालांकि, भारत की बात करें तो यहां चंद्र ग्रहण शाम 5 बजकर 20 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक दिखाई देगा. इस दौरान चंद्रमा खूनी लाल रंग का दिखाई देगा. ये चंद्रग्रहण कई मायनों में खास है क्योंकि इस ग्रहण के बाद अगले तीन साल तक ऐसी कोई खगोलीय घटना नज़र नहीं आएगी. ग्रहण के वक्त चंद्रमा लाल रंग का हो जाएगा. इसलिए इसे 'ब्लड मून' भी कहा जा रहा है.
भारत समेत कई देशों में चंद्रग्रहण दिखाई देगा लेकिन ये सबसे पहले अमेरिका में नजर आएगा क्योंकि ये वहां सुबह-सवेरे ही दिखाई देगा. ये वहां सुबह तीन बजे से आशिंक तौर पर दिखना शुरू होगा. वहीं, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और शेष प्रशांत महासागर में ये मंगलवार को सूर्यास्त के बाद दिखाई देगा.
पूर्ण चंद्रगहण लगभग एक से डेढ़ घंटे तक नजर आएगा. ये अमेरिका में सुबह 'ईस्टर्न टाइम ज़ोन' के अनुसार, पांच बजकर 16 मिनट से लेकर छह बज कर 41 मिनट तक दिखाई देगा. इस बीच, पृथ्वी सीधे चंद्रमा और सूर्य के बीच से गुजरती है.
क्या होता है चंद्रग्रहण
पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है. इस प्रक्रिया में एक ऐसा समय आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है. इस घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है.
खूनी रंग का क्यों दिखता है चांद
'सुपरमून' यानी कि पूर्ण चंद्रमा की घटना पूर्णिमा को होती है. पूर्णिमा पर चंद्रमा धरती के पास होता है इसलिए सामान्य से बड़ा दिखाई देता है. ग्रहण के दौरान 'प्रकीर्णन प्रभाव' देखने को मिलता है इसलिए चंद्रमा लाल रंग का हो जाता है. लाल प्रकाश की तरंग दैर्ध्य लंबी होती है.
पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है लेकिन चूंकि लाल प्रकाश की तरंग दैर्ध्य लंबी होती है इसलिए इसका कुछ हिस्सा चांद तक पहुंच जाता है और इस कारण चांद लाल दिखता है. आसान भाषा में समझें तो चांद धरती की परछाई के पीछे पूरी तरह से ढक जाता है और इस पर सूरज की कोई रोशनी नहीं पड़ती और ये अंधेरे में चला जाता है लेकिन इस दौरान ये लाल रंग का दिखने लगता है. नासा के अनुसार, आकाश में अधिक धूल होने पर 'लाल रंग' अधिक स्पष्ट होता है.
भारत में दिखाई देगा ब्लड मून?
चंद्र ग्रहण आइसलैंड, दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों और मध्य एशिया और रूस में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण भारत के सभी हिस्सों से दिखाई देगा लेकिन ये चंद्रोदय यानी चंद्रमा के निकलने के दौरान दिखाई पड़ना शुरू होगा. ये दिल्ली में शाम 5:31 बजे, कोलकाता में शाम 4:54 बजे से, बेंगलुरु में शाम 5:57 बजे और मुंबई में शाम 6:03 बजे से दिखना शुरू होगा.
इन-इन देशों में दिखेगा ब्लडमून
ब्लड मून कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस के पूर्वी हिस्सों पर स्पष्ट होगा. उत्तरी अमेरिका में भी ये दिखेगा लेकिन वहां के पश्चिमी हिस्सों में बहुत साफ दिखाई देगा. वहीं, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और शेष प्रशांत महासागर में ये सूर्यास्त के बाद दिखाई देगा.
क्यों अलग है इस बार का ब्लडमून
इस चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिकों द्वारा एक दुर्लभ घटना बताया गया है जिसके कई कारण हैं. सबसे पहले ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग लाल होगा जिसकी वजह से इसे 'ब्लड मून' कहा जा रहा है. इसके अलावा ये चंद्रग्रहण 2022 की दूसरी और आखिरी घटना है. इस साल अब कोई और चंद्र ग्रहण नहीं पड़ेगा. नासा के मुताबिक, इस तरह के पूर्ण चंद्र ग्रहण के लिए लोगों को 2025 का इंतजार करना होगा क्योंकि अब ये तीन साल के बाद ही पड़ेगा.
ग्रहण को कैसे देखें?
इस खगोलीय घटना को देखने के लिए कई लोग उत्सुक रहते हैं. सूर्य ग्रहण के विपरीत चंद्र ग्रहण को देखने के लिए आखों की सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि ये रात में होता है और इसे खुली आखों से भी देखा जा सकता है. लेकिन दूरबीन के जरिए इसे ज्यादा साफ देखा जा सकता है. नासा अपनी वेबसाइट पर इस चंद्र ग्रहण की घटना को लाइव प्रसारित करेगा ताकि दुनिया भर के लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को देख सकें.