Hartalika Teej 2025: आज हरतालिका तीज का व्रत रखा जा रहा है. हिंदू धर्म में हरतालिका तीज एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे विशेषरूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे उत्तर भारतीय राज्यों में महिलाएं बड़ी श्रद्धा के साथ मनाती हैं. वहीं, दक्षिण भारत के कई राज्यों जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में इस त्योहार को गौरी हब्बा के रूप में मनाया जाता है, जहां भक्त स्वर्ण गौरी व्रत रखते हैं और देवी गौरी की पूजा-अर्चना करते हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा करती हैं. यह पर्व विवाहित महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित लड़कियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है. विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना से यह व्रत रखती हैं.
हरतालिका तीज 2025 शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej 2025 Shubh Muhurat)
हरतालिका तीज के पर्व की तिथि 25 अगस्त यानी कल दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 26 अगस्त यानी आज दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त यानी आज ही रखा जाएगा.
हरतालिका तीज पूजन मुहूर्त (Hartalika Teej 2025 Pujan Muhurat)
हरतालिका तीज पर आज पूजन का मुहूर्त सुबह 5 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा, जिसमें पूजन के लिए कुल 2 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा. इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त में भी पूजन किया जा सकता है जो कि सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. वहीं, तीसरा मुहूर्त विजय मुहूर्त रहेगा जो कि दोपहर 2 बजकर 31 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.
वहीं, हरतालिका तीज के व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है और तीज के व्रत का पारण 27 अगस्त यानी कल होगा, जो सुबह 5 बजकर 57 मिनट पर होगा.
हरतालिका तीज 2025 पूजन विधि (Hartalika Teej 2025 Pujan Vidhi)
हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसे करने वाली महिलाएं 24 घंटे तक बिना अन्न-जल (निर्जला) के रहती हैं. यह व्रत ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हो जाता है. इस दिन सबसे पहले स्नान करें और फिर साफ सुथरे वस्त्र पहनें. फिर, पूजा के लिए देवी पार्वती और भगवान शिव की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर स्थापित करें. पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि इकट्ठा करें.
फिर, माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इसके बाद, माता पार्वती और भगवान शिव की आरती करें और उनकी कथा सुनें. शाम को फिर से माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें अर्घ्य दें. फिर, अगले दिन सुबह व्रत का पारण करें.
हरतालिका तीज पूजन सामग्री (Hartalika Teej Pujan Samagri)
हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियों की पूजा की जाती है. इसके लिए पीले रंग का वस्त्र, केले का पत्ता, रोली, जनेऊ, सुपारी, शमी पत्र, बेलपत्र, कलश, अक्षत, दूर्वा, घी, कपूर, दही और गंगाजल जैसी सामग्री की आवश्यकता होती है. माता पार्वती के श्रृंगार के लिए विभिन्न सामग्री जैसे कि सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मेहंदी और कुमकुम का उपयोग किया जाता है.