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Chanakya Niti In Hindi: पशुओं से मनुष्य को अलग बनाती है सिर्फ यह एक चीज! ये 4 गुण होते हैं समान

आचार्य चाणक्य ने 'चाणक्य नीति' (Chanakya Niti) में ऐसी सैकड़ों नीतियों का बखान किया है जिनका मनुष्य अपने जीवन को सही रास्ते पर ले जाने में मदद और लाभ ले सकते हैं. उन्होंने मनुष्य और पशु में सबसे बड़े फर्क का भी जिक्र एक श्लोक में किया है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

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Chanakya Niti In Hindi, चाणक्य नीति
Chanakya Niti In Hindi, चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य ने 'चाणक्य नीति' (Chanakya Niti) में ऐसी सैकड़ों नीतियों का बखान किया है जिनका मनुष्य अपने जीवन को सही रास्ते पर ले जाने में मदद और लाभ ले सकते हैं. उन्होंने मनुष्य और पशु में सबसे बड़े फर्क का भी जिक्र एक श्लोक में किया है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

आहारनिद्राभयमैथुनं च सामान्यमेतत्पशुभिर्नराणाम्।
धर्मो हि तेषामधिको विशेषो धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः।।

इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य कहते हैं कि भोजन करना, नींद लेना, भयभीत होना और संतान उत्पत्ति करना, ये चार बातें मनुष्य और पशु में एक जैसी होती हैं. 

मनुष्य में और पशुओं में केवल धर्म का भेद है. यह एक मात्र ऐसी विशेष चीज है जो मनुष्य को पशु से अलग बनाती है. जिस मनुष्य में धर्म नहीं है वह पशु के समान है.

परोपकरणं येषां जागर्ति हृदये सताम । 
नश्यन्ति विपद्स्तेषां सम्पद: स्यु: पदे पदे ।।

चाणक्य इस श्लोक में बताते हैं कि जिन सज्जन लोगों के दिल में दूसरों का अपकार करने की भावना जाग्रत रहती है उनकी विपत्तियां नष्ट हो जाती हैं और पग-पग पर उन्हें धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है.

 

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