scorecardresearch
 

Chanakya Niti: तुलसी का सूख जाना... और ये 2 संकेत! बताते हैं बुरा वक्त आने की आहट, चाणक्य ने दी है चेतावनी

Chanakya Niti: चाणक्य के मुताबिक कुछ संकेत ऐसे हैं जिसे समझकर व्यक्ति संयम, सकारात्मक उपाय और धार्मिक क्रियाओं के माध्यम से अपने घर और जीवन को संकट से सुरक्षित रख सकता है. जानते हैं चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में कौन से तीन प्रमुख संकेत बताए हैं.

Advertisement
X
इन 3 संकेतों से पहचानें बुरा वक्त आने की आहट.
इन 3 संकेतों से पहचानें बुरा वक्त आने की आहट.

चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़ी कई गूढ़ और अमूल्य बातें लिखी हैं, जो आज भी हर व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक का काम कर सकती हैं. चाणक्य ने अपने ग्रंथों में कई ऐसे संकेतों के बारे में लिखा है, जिनसे किसी व्यक्ति को यह अंदाजा हो सकता है कि उसके जीवन में आने वाले समय में किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.  उनके अनुसार, व्यक्ति के व्यवहार, आदतें, सोच और जीवन के प्रति दृष्टिकोण से ही उसके जीवन में आने वाली परिस्थितियों का पूर्वाभास किया जा सकता है. 

वे बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अनुशासन, मेहनत और विवेक के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करता है, तो वह न केवल संकटों से बच सकता है बल्कि उन्हें अवसर में बदल सकता है. वहीं, जो व्यक्ति अज्ञानता, आलस्य और अनियंत्रित इच्छाओं के मार्ग पर चलता है, उसके लिए जीवन में मुश्किलें और नाकामयाबियां सामने आती हैं. जानते हैं चाणक्य के बताए ऐसे ही कुछ संकेतों के बारे में 

तुलसी के पौधे का सूख जाना

तुलसी का पौधा केवल एक औषधीय या सजावटी पौधा नहीं है, बल्कि इसे शास्त्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. तुलसी का पौधा देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है, और इसके घर में होने से सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और धार्मिक वातावरण बना रहता है. शास्त्रों के अनुसार, तुलसी का पौधा घर में सुख-शांति और समृद्धि का संचार करता है और घर के सदस्य मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं. 

Advertisement

लेकिन यदि तुलसी का पौधा बिना किसी कारण के मुरझाने लगे या सूख जाए, तो इसे केवल सामान्य प्राकृतिक घटना नहीं बल्कि अत्यंत गंभीर संकेत के रूप में लिया जाता है. शास्त्रों में इसे अशुभ माना गया है क्योंकि यह दर्शाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर रही है. ऐसे समय में आर्थिक कठिनाइयां, पारिवारिक कलह या मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं. चाणक्य के मुताबिक तुलसी का सूखना व्यक्ति और परिवार के लिए चेतावनी की तरह है 

गृह क्लेश

दूसरा महत्वपूर्ण संकेत है गृह क्लेश, यानी घर में लगातार बढ़ते हुए झगड़े. परिवार में यदि बिना किसी स्पष्ट या ठोस कारण के अशांति, कलह या विवाद बढ़ने लगें, तो इसे जीवन में आने वाले कठिन समय की चेतावनी माना जाता है. ऐसे समय में घर का माहौल न केवल तनावपूर्ण हो जाता है, बल्कि यह आर्थिक हानि, मानसिक परेशानियां और पारिवारिक संबंधों में दूरियां भी पैदा कर सकता है. चाणक्य के मुताबिक  यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो छोटी-छोटी बहसें बड़ी समस्याओं में बदल सकती हैं.

शीशे या दर्पण का टूटना

तीसरा महत्वपूर्ण संकेत है शीशे या दर्पण का टूटना.चाणक्य नीति और शास्त्रों के अनुसार, यदि घर में कोई दर्पण या शीशा बिना किसी बाहरी कारण के टूट जाए, तो इसे जीवन में आने वाले दुर्भाग्य या संकट की चेतावनी माना जाता है. यह संकेत अक्सर उस समय मिलता है जब व्यक्ति के भाग्य में किसी तरह की रुकावट, आर्थिक या मानसिक कठिनाई, या जीवन में असंतुलन आने वाला होता है. 

Advertisement

शास्त्रों में कहा गया है कि टूटा हुआ शीशा केवल एक साधारण वस्तु नहीं है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता का प्रतीक बन जाता है. इसे घर में रखने से घर का माहौल अशांत हो सकता है और परिवार के सदस्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, टूटा हुआ शीशा या दर्पण तुरंत घर से बाहर निकाल देना चाहिए और यदि संभव हो तो उसका उचित निपटान किया जाए. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement