Bhadrapada Purnima 2025: हिंदू धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा का खास महत्व है. मान्यता है कि वर्ष की सभी पूर्णिमा तिथियों पर देव-पूजन किया जाता है, लेकिन भाद्रपद की पूर्णिमा पितरों को भी समर्पित होती है. इसी दिन से पितृपक्ष की शुरुआत होती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ पितरों का स्मरण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
कब है भाद्रपद पूर्णिमा? (Bhadrapada Purnima 2025 Date)
द्रिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 07 सितंबर को सुबह 01 बजकर 51 मिनट पर होगी. इसका समापन इसकी दिन, यानी 07 सितंबर को 11बजकर 38 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितम्बर, रविवार को मनाई जाएगी.
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत पूजा विधि (Bhadrapada Purnima 2025 Pujan Vidhi)
मान्यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती है. इस दिन प्रातःकाल उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लें. अगर संभव हो तो किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें. इसके बाद भगवान सत्यनारायण की पूजा करें और उन्हें फल-फूल अर्पित करें. साथ ही भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें या पढ़ें. ब्राह्मण को पंचामृत और चूरमे का प्रसाद बांटें. इस दिन श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है.
सत्यनारायण पूजन का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु कलियुग में विभिन्न रूपों में प्रकट होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. श्री हरि ने सत्यनारायण के रूप में अवतार लिया है, जिनकी पूजा से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. यह पूजा विवाह के लिए और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए भी बहुत लाभकारी मानी जाती है. विवाह से पहले और बाद में सत्यनारायण की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं.
भाद्रपद पूर्णिमा पर क्या करें (Bhadrapada Purnima Upay)
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है. इस दिन पितरों के नाम से दान पुण्य भी करना चाहिए. मान्यता है कि इससे घर में खुशहाली आती है.