जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए लांस नायक योगेश कुमार का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा. आतंकियों के सफाये के लिए अनंतनाग में चल रहे सेना के ऑपरेशन में चूरू के रहने वाले योगेश कुमार ने लड़ते हुए अपनी शहादत दे दी.
योगेश के शहीद होने की जानकारी मिलते ही पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई. 14 आरआर के लांस नायक योगेश कुमार खेल कोटे से 9 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे. इकलौते बेटे के शहीद होने पर पृथ्वी सिंह ने कहा कि अगर 4 बेटे भी होते तो सभी को देश सेवा में भेजता, अब पोते को सेना में भर्ती करने के लिए तैयार करूंगा.
शहीद हुए योगेश कुमार के चाचा रणधीर सिंह ने बताया कि योगेश 2013 में खेल कोटे से हवलदार के पद पर 18 केवलरी बटालियन (आई) में भर्ती हुए थे. योगेश के दादा भी सेना में थे. अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन में शहीद योगेश कुमार के दोस्त धर्मेंद्र छिंपी ने बताया कि योगेश बहुत बहादुर और जांबाज थे.
शनिवार की रात को सर्च ऑपरेशन के दौरान योगेश कुमार पहाड़ी के ऊपर तैनात थे और करीब 11.30 से 12 बजे के बीच आतंकवादियों से उसकी सीधी मुठभेड़ हुई. आतंकियों की गोली लगने से योगेश शहीद हो गए. सेना के अधिकारी कैप्टन दिलीप सिंह ने बताया कि शहीद योगेश का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह 9:30 बजे दिल्ली और करीब 2.30 बजे राजगढ़ पहुंचने की संभावना है.
पृथ्वी सिंह के घर जन्म लेने वाले शहीद योगेश अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे. वो सेना के 18 केवलरी बटालियन से 14 राष्ट्रीय राइफल में डेपुटेशन पर तैनात थे. शनिवार रात को जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए उन्होंने शहादत दी. योगेश अपने पीछे एक चार बेटा बेटा और नौ महीने की बेटी को छोड़ गए हैं. उनकी पत्नी स्वास्थ्य विभाग में जीएनएम पद पर कार्यरत है.