जन्माष्टमी के अवसर पर राधारानी और भगवान श्रीकृष्ण की पोशाको को धौलपुर में मुस्लिम कारीगरों द्वारा तैयार की जा रही है. इनके द्वारा तैयार की गईं पोशाकों को उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, वृंदावन, मध्य प्रदेश समेत देश के अन्य इलाकों में भेजा जाता है. मुस्लिम कारीगरों भगवान श्री कृष्ण और राधा के लिए मोतियों, नग, शीशा और स्टोन से बनी पचरंगी और जरी की नई नई डिजाइन की आकर्षक पोशाक तैयार की हैं. यहां तैयार हुई पोशाकों को मथुरा वृंदावन से देश भर के प्रसिद्ध मंदिरों समेत विदेशों में बने मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी पहनेंगे. राधारानी के लिए आकर्षक लहंगा,ओढ़नी और पटुका बनाया गया है.
बता दें, जन्मोत्सव के अवसर पर भगवान के बाल गोपाल रूप की पूजा की जाती है और लोग बाल गोपाल और झूले की सजावट करते हैं. लोग झूले को तरह-तरह से सजाना पसंद करते हैं. बाल गोपाल को गेंदे के फूल, मोतियों और गोटे से सजाया जाता है. धौलपुर जिले में जिले करीब पचास से ज्यादा कारखाने हैं, जहां मुस्लिम कारीगरों द्वारा कान्हा और राधा रानी की पोशाकों को तैयार किया जाता है.
मुस्लिम कारीगरों ने तैयार की श्रीकृष्ण और राधारानी की पोशाक
कारीगरों का कहना है कि वो पूरे साल भगवानों की पोशाक बनाते हैं, इसी से वो अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं और यही हमारा रोजगार का साधन हैं. इसके अलावा कारीगरों ने बताया कि करीब 20 साल से पोशाक बनाने का काम कर रहे.
धौलपुर में पिछले 20 सालों से मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे हैं
बता दें, भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम समेत जितने भी भगवान एवं आदि शक्ति माता सीता व राधा के स्वरूप हैं, सबकी पोशाक धौलपुर में तैयार की जाती है. जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है. कान्हा के भक्त जन्माष्टमी के अवसर पर घर के छोटे बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाते हैं.