करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का निधन हो गया. लोकेंद्र सिंह कालवी लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया. कालवी अच्छे निशानेबाज थे, जब वे खचाखच भरी सभाओं में जोशीले भाषण देते तो समर्थक भावों से भर जाते थे. लोकेंद्र सिंह रानी पद्मिनी की 37वीं पीढ़ी से होने का दावा करते थे.
लंबी कद काठी के कालवी बॉस्केटबॉल के अच्छे खिलाड़ी रहे. सती आंदोलन में सक्रिय रहे कालवी अक्सर कहते थे कि वो राजनेता बाद में हैं और राजपूत पहले. लोकेंद्र सिंह कालवी के निधन की खबर मिलने के बाद से ही उनके समर्थकों का अस्पताल के बाहर जमावड़ा लगने लगा. उनके शव को नागौर जिले के पैतृक गांव कालवी ले जाया गया. जहां 2.15 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी. इससे पहले उनके समर्थक उन्हें श्रद्धांजलि देंगे.
विरासत में मिली राजनीति
लोकेंद्र सिंह का जन्म नागौर जिले के कालवी गांव में हुआ था. राजनीति उन्हें विरासत में मिली. उनके पिता कल्याण सिंह कालवी राज्य और केंद्र में मंत्री रहे. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का करीबी माना जाता था. लोकेंद्र सिंह ने अजमेर के मेयो कॉलेज में अपनी पढ़ाई की. वे बॉस्केटबॉल के अच्छे खिलाड़ी थे. वे निशानेबाज भी थे. लेकिन राजनीति में उनका निशाना ठीक नहीं लगा.
कालवी ने नागौर से लोकसभा चुनाव लड़ा, इसमें उन्हें हार मिली. इसके बाद 1998 में कालवी ने बीजेपी के टिकट पर बाड़मेर लोकसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन इसमें भी उनकी मात हुई. लोकेंद्र सिंह ने 2003 में आरक्षण के मुद्दे पर बनाये गए सामाजिक न्याय मंच बनाया था. इसके चलते बीजेपी में भी बड़े नेताओं से उनका संपर्क बना. बीजेपी के अलावा कांग्रेस और जनता दल में भी नेताओं से उनके अच्छे संपर्क रहे. वे कुछ समय के लिए कांग्रेस में भी रहे.
2006 में करणी सेना की रखी नींव
कालवी ने जगतजननी करणी माता के नाम से सन 2006 में करणी सेना की नींव रखी. इसके बाद सन 2008 में करणी सेना के विरोध के कारण फिल्म जोधा अकबर राजस्थान में रिलीज नहीं हो सकी. यहीं नहीं करणी सेना ने 2009 में सलमान खान की फिल्म वीर का भी विरोध किया था. यहां तक कि करणी सेना ने टीवी पर प्रसारित होने वाले ऐतिहासिक टीवी सीरियल्स का भी विरोध किया था.
फिल्म पद्मावत का विरोध कर चर्चा में आई करणी सेना
- 2008 में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत आई थी. करणी सेना ने देशभर में इस फिल्म का विरोध किया था. जगह जगह पोस्टर फाड़े गए थे. तब कालवी ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को 'नालायक' तक कह दिया था. कालवी राजपूत समाज के बड़े नेता थे. उनके राजस्थान ही नहीं देशभर में बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद हैं. यही वजह है कि उनकी सभा में अच्छी खासी भीड़ उन्हें सुनने के लिए पहुंचती थी.