देश भर में साजिशों का तानाबाना बुनने वाले छांगुर बाबा का साम्राज्य बढ़ता चला गया. विदेशी फंडिंग से उसका खजाना भरता रहा और वह धर्मांतरण तथा जमीनों पर कब्जे का कारोबार करता रहा. शिकायतें होने पर भी उन पर कोई सुनवाई नहीं हुई.