महाराष्ट्र की सियासत में एक अहम दिन दर्ज हुआ जब शिवसेना उद्धव गुट और एमएनएस के बीच 20 साल की दूरियां मिटती नजर आईं. राज्य में जारी भाषा के विवाद को लेकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे आज 20 साल के बाद साथ आए. दोनों ने हिंदी भाषा को थोपे जाने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि हिंदी को थोपा गया तो ये बर्दाश्त नहीं होगा.