7 सितंबर 2025 को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो राहु के नक्षत्र से शुरू होकर गुरु के नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद में जाएगा. यह चंद्र ग्रहण भारत सहित विश्व के लगभग 85% हिस्से में दिखाई देगा. इसका सूतक काल दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और ग्रहण का समय रात्रि 9 बजकर 58 मिनट से 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण एक नए वर्ल्ड ऑर्डर को जन्म दे सकता है और सत्ता में बड़े फेरबदल का कारण बन सकता है. इस दौरान जल सैलाब, बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की आशंका है. इसका प्रभाव 108 दिनों से लेकर छह महीने तक रह सकता है, जिसमें कुंभ और सिंह राशि के साथ-साथ रोहिणी, हस्त और धनिष्ठा नक्षत्र के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. ग्रहण काल में भावनात्मक चिंता और बेचैनी बढ़ सकती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपना खास ध्यान रखना चाहिए. नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए स्नान, मंत्र जाप, हवन और अन्न, दूध व फलों का दान अक्षय पुण्य देने वाला माना गया है.