बाज की नजर, फुर्ती चीते की, दुश्मन पर हमला, पूरे दम से है, हम क्वीन कोबरा, नक्सल का काल, ताकत वतन की हमसे है. नक्सलियों को बड़ा गुमान रहता है कि जहां वो छुपकर हिंसक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया करते हैं वो जंगल उनका है. लेकिन क्वीन कोबरा कमांडोज की इन हुंकारों ने नक्सलियों तक अब ये चेतावनी पहुंचा दी है जो देश का नहीं, वो इन जंगलों का भी नहीं. जो देश के खिलाफ साजिश रचेगा उसे इन्हीं जंगलों में मौत के घाट उतार दिया जाएगा. नक्सली चाहे जितने क्रूर हों लेकिन क्वीन कोबरा का काटा वाकई पानी भी नहीं मांग पाएगा. राष्ट्र रक्षा के संकल्प जब इतने चट्टानी हो जाते हैं तब दुश्मन को कौन बचा सकता है. वो पाताल में घुस जाए या कितने भी घने अंधेरों में छुप कर बैठ जाए. देखें खास कार्यक्रम, श्वेता सिंह के साथ.