2003 में मधुमिता हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी को एक चालाक राजनेता और शातिर अपराधी कहें तो गलत नहीं होगा, जिसने बीजेपी सरकार से लेकर सत्ता बदलने के साथ अपनी सियासत का चोला बदला और मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में नाम आने पर भी जांच के दौरान कई बार पासा पलटने की कोशिश की.