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बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा...किन्नरों ने गाए फिल्मी गाने, 8वीं बार चुनाव जीते मंत्री जी ने बजाया ढोलक

MP Election Result 2023: आम तौर पर लोग किन्नरों से थोड़ी दूरी बनाकर ही रखते हैं और जल्द से जल्द उन्हें पैसा देकर रफा-दफा करने में ही खैरियत समझते हैं. मंत्री विजय शाह के घर जब उन्हें जीत की बधाई देने किन्नरों का एक समूह पहुंचा तो उन्होंने ऐसा नहीं किया. 

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विजय शाह के ढोल की थाप पर जमकर नाचे किन्नर.
विजय शाह के ढोल की थाप पर जमकर नाचे किन्नर.

मध्यप्रदेश शासन के वन मंत्री विजय शाह अपने अलग अंदाज के लिए अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. अभी जब विधानसभा चुनाव में 8वीं बड़ी जीत पर बधाई देने किन्नरों का एक समूह पहुंचा तो विजय शाह ने न केवल उन्हें पूरा सम्मान दिया, बल्कि ढोलक भी खूब बजाया. इधर, मंत्री जी को ढोलक बजाता देख किन्नरों में भी खूब उत्साह आया और वो भी जमकर नाचे. 

आम तौर पर लोग किन्नरों से थोड़ी दूरी बनाकर ही रखते हैं और जल्द से जल्द उन्हें पैसा देकर रफा-दफा करने में ही खैरियत समझते हैं. मंत्री विजय शाह के घर जब उन्हें जीत की बधाई देने किन्नरों का एक समूह पहुंचा तो उन्होंने ऐसा नहीं किया. 

उन्होंने पूरे सम्मान के साथ उन्हें अपने घर में बुलाया. उनका सत्कार किया और फिर खुद ढोल बजाने लगे. इधर मंत्री जी को ढोल बजाता देख किन्नर भी जमकर नाचे. देखें Video:-

मंत्री विजय शाह का कहना था कि उन्हें कोई ढोल बजाने का शौक नहीं, लेकिन कोई उनकी खुशी में शामिल होने आया तो उसे सम्मान देना उनका फर्ज है. किन्नर भी समाज का हिस्सा हैं, उन्हें भी बराबरी का सम्मान मिलना ही चाहिए. भाजपा की रीति-नीति भी सबका साथ सबका विकास की ही तो है. इधर, शाह ने यह भी अपनी बात में जोड़ दिया कि हमने अभी पूरे प्रदेश में कांग्रेस की बैंड बजाई है, यहां तो सिर्फ ढोलक ही बजाया. 

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वन मंत्री विजय शाह बोले, मोदी जी विकास का पर्याय बन चुके हैं. हमारे मान-सम्मान का पर्याय बन चुके हैं. जो लोग दूसरो को पनौती कहते थे, सबसे बड़े पनौती तो राहुल गांधी खुद हैं. जहां जाते हैं, कांग्रेस को निपटा कर आ जाते हैं. कांग्रेस को चलाना है तो उसे भाई -बहन और परिवार उठकर चलाना होगा. मोदी की तरह सबका साथ, सबका विकास और विश्वास पैदा करना पड़ेगा. 

हमने जानबूझकर इनके साथ नाच गाने में हिस्सा लिया ताकि उनके मन में यह एहसास न हो कि वे हमसे छोटे हैं. दूसरों को मान-सम्मान देना अपना मान सम्मान बढ़ाना है. मुझे कोई ढोलक बजने का शौक नहीं है, लेकिन वो मेरी ख़ुशी में शामिल होने आए हैं. बधाई देने आए हैं तो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है कि उन्हें भी बराबर का दर्ज़ा दूं. यहां तो सिर्फ ढोलक बजाई है. पूरे प्रदेश में हम कांग्रेस की बैंड बजा ही रहे हैं. 

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