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MP: 22 जनवरी पर नहीं होगी बिजली कटौती, ऊर्जा मंत्री ने बताया प्लान

Ayodhya: ऊर्जा मंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सबसे पहले अधिकारियों को आदेश दिया कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय मध्य प्रदेश में निर्बाध बिजली रहे यानी बिजली नहीं जानी चाहिए. 

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प्रद्युम्न सिंह तोमर को दूसरी बार ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है
प्रद्युम्न सिंह तोमर को दूसरी बार ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है

देश एक तरफ 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहा है, तो वहीं इस खास दिन को देखते हुए एमपी सरकार ने भी तैयारियां की हैं. एमपी के ऊर्जा मंत्री ने बयान देते हुए कहा है कि 22 जनवरी को प्रदेश की जनता अयोध्या से पल-पल की तस्वीरों को बिना समस्या के देख सके. 

सोमवार को ऊर्जा मंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सबसे पहले अधिकारियों को आदेश दिया कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय मध्य प्रदेश में निर्बाध बिजली रहे यानी बिजली नहीं जानी चाहिए. 

उन्होंने कहा कि इस दिन प्रदेश में कहीं भी बिजली के मेंटेनेंस कार्य भी नहीं किया जाना चाहिए, जिससे राम भक्तों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण देखने में कोई परेशानी नहीं हो. 

बता दें कि प्रद्युम्न सिंह तोमर को दूसरी बार ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है. शिवराज सरकार में भी प्रद्युम्न सिंह तोमर के पास ऊर्जा मंत्रालय था और मोहन यादव सरकार में भी उनके पास यही मंत्रालय है. 

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपना मंत्रालय में पदभार ग्रहण किया. उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संतुष्टि, गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति और बिजली उत्पादन में वृद्धि करना हमारा मुख्य लक्ष्य है.

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मंत्री तोमर ने कहा कि प्रशासनिक खर्चे कम करके बिजली दरों को नियंत्रित करने के प्रयास किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस के लिए की जाने वाली बिजली कटौती में पानी के सप्लाई के समय का ध्यान रखा जाएगा.

मंत्री ने बिजली उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि बिजली की बचत करें और समय पर बिजली बिल का भुगतान करें. इससे विद्युत कंपनियों की देनदारी कम होगी, जिससे बिजली की दरें बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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