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छिंदवाड़ा: बड़ी माता मंदिर से हटाई गई साईं बाबा की मूर्ति, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने किया था विरोध

छिंदवाड़ा में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की नाराजगी के बाद बड़ी माता मंदिर से साईं प्रतिमा को हटा दिया गया है. इसके अलावा श्री राम मंदिर में लगी साईं बाबा की तस्वीर वाली टाइल्स को भी हटाया गया है. दरअसल, अविमुक्तेश्वरानंद मंदिर में साईं की तस्वीर और मूर्ति देखकर भड़क गए थे.

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मंदिर में साईं की तस्वीर देखकर भड़के थे अविमुक्तेश्वरानंद.
मंदिर में साईं की तस्वीर देखकर भड़के थे अविमुक्तेश्वरानंद.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अविमुक्तेश्वरानंद की नाराजगी पर मंदिर समिति का निर्णय
  • श्री राम मंदिर में लगी साईं की टाइल्स भी हटाई

छिंदवाड़ा में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी की नाराजगी का असर देखने को मिला. यहां बड़ी माता मंदिर से सांईं बाबा की प्रतिमा हटा दी गई है. साथ ही श्री राम मंदिर में लगी टाइल्स को भी हटा दिया गया है जिसमें साईं बाबा का चित्र बना था. यह फैसला मंदिर परिसर ने लिया.

दरअसल, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी छोटी बाजार स्थित बड़ी माता मंदिर और श्री राम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. तभी स्वामी बड़ी माता मंदिर की दीवार पर लगी साईं बाबा की मूर्ति और श्री राम मंदिर में टाइल्स में साईं बाबा के चित्र को देखकर नाराज हो गए थे. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि राम के मंदिर में साईं का क्या काम? उसके बाद उन्होंने श्री बड़ी माता मंदिर के पुजारी को फटकार भी लगाई थी.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी की फटकार पर पुजारी राजा तिवारी ने कहा, ''मैं बचपन से स्वामी जी के साथ रहा हूं. उनकी नाराजगी ही उनका स्नेह है. पुत्र से गलती हो जाने पर पिता ही डांट लगाता है.''

क्या बोले थे स्वामी अविमुक्तेश्वानंद?
स्वामी अविमुक्तेश्वानंद जी महाराज ने कहा था, ''हम बड़ी प्रसन्नता से दर्शन करने पंहुचे थे लेकिन राम मंदिर और माता मंदिर, दोनों जगह जो हमने देखा उससे पता चलता है कि छिंदवाड़ा के हिंदुओं का खून विकृत हो गया है. दोनों जगह पर साईं की मूर्ति है. हमारे मंदिरों में उनका क्या काम है, और यदि साईं की पूजा करनी है तो राम और कृष्ण का क्या काम है? लेकिन यदि ये घालमेल है तो दूर से ही प्रणाम है. आगे से कभी भी हम छिंदवाड़ा में इन मंदिरों में प्रवेश नही करेंगे. बड़ी खुशी से हम आये थे और अब दुःखी होकर जा रहे हैं.''

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