
MP News: कोतवाली पत्थरबाजी मामले के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली को 'न्याय' दिलाने के लिए इंडिया गठबंधन से पांच राजनीतिक दलों का प्रतिनिधिमंडल छतरपुर पहुंचा. दल के सभी सदस्यों ने हाजी शहजाद अली की टूटी हुई हवेली का निरीक्षण किया. इसके साथ ही आरोपी के परिजनों से मुलाकात की.
आरोपी के परिजनों से प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात उस जगह यानी कि 'खानकाह' पर की, जहां पर हाजी शहजाद अली अपनी खुद की 'अदालत' चलाया करता था. शहजाद अली मुस्लिम समुदाय के लोगों के लड़ाई-झगड़े जैसे समझौते कराते हुए फैसला सुनाया करता था.
खास बात यह है कि जिस बिल्डिंग में शहजाद अपनी खुद की 'अदालत' चलाता था, आज वहीं इंडिया गठबंधन के पांच राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने आरोपी के परिवार से मुलाकात कर 'न्याय' की लड़ाई लड़ने की बात कही.
'मकान गिराना बिल्कुल उचित नहीं'
उधर, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री राजा पटेरिया ने मीडिया से कहा, हाजी शहजाद अली का मकान गिराना बिल्कुल उचित नहीं है. यह गलत तरीके से कार्रवाई की गई है. जिस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी की है और सरकार से सवाल तलब किए हैं. इसके साथ ही राजनीतिक दलों के लोगों ने बताया कि हाजी शहजाद अली का परिवार आगे आने वाले समय में सुप्रीम कोर्ट में अपने न्याय की लड़ाई भी लड़ेगा.

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री राजा पटेरिया, सीपीएम के राज्य सचिव जसविंदर सिंह, पूर्व सांसद कंकर मुंजारे, इंटक से आरजी पांडे, सीपीआई से शैलेन्द्र कुमार शैली, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष मोनू यादव, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फुरकान खान काजी, पूर्व प्रत्याशी सपा दशरथ यादव शामिल थे.
उधर, शहजाद हाजी अली की बेटी फातिमा खातून ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ज्ञापन देने के लिए सदर जावेद अली ने सभी को बुलाया था और मेरे पिता हाजी शहजाद अली की इसमें कोई भूमिका नहीं थी, फिर भी उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है. आज जो राजनीतिक दल के लोग आए हैं, हमें विश्वास है कि यह हमारे हक की लड़ाई जरूर लड़ेंगे.
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वहीं, थाने में पथराव और उपद्रव कांड मामले में गिरफ्तार हुए आरोपियों में से 16 को अन्य जेलों में ट्रांसफर किया गया है. घटना के मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली को राजधानी भोपाल कीके जेल भेजा गया और बाकी 15 आरोपियों को सतना जेल भेजा गया.
इस बात की जानकारी छतरपुर के जिला जेल में पदस्थ उपजेल अधीक्षक राम शिरोमणि पांडे ने दी. बताया कि छतरपुर जेल में 292 लोगों को रखने की क्षमता है और वर्तमान में 501 बंदी अब तक आ चुके हैं, इसलिए पत्थरबाजी की घटना के 16 आरोपियों को अन्य जेलों में ट्रांसफर किया गया है.