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कीचड़ में धंसने लगीं 150 गाड़ियां, हरी झंडी का इंतजार... MP में शव वाहन योजना बदहाल

MP में कई बार लोग शव वाहन का खर्च वहन न कर पाने के कारण पैदल, हाथ-ठेले या दुपहिया वाहन से शव ले जाते देखे गए हैं. इस योजना से ऐसे हालात में लोगों को सम्मानजनक तरीके से मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल ये वाहन यार्ड से निकलने के लिए हरी झंडी के इंतजार में हैं.

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कीचड़ में धंसे सरकारी शव वाहन.
कीचड़ में धंसे सरकारी शव वाहन.

मध्य प्रदेश सरकार ने मार्च 2025 में निशुल्क शव वाहन सेवा शुरू करने की योजना को मंजूरी दी थी, जिसके तहत लगभग 150 शव वाहन खरीदे गए. लेकिन पिछले तीन महीनों से ये शव वाहन यार्ड में बेकार खड़े हैं, जिस पर अब कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है.  

दरअसल, शव वाहन, जो गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खरीदे गए थे, भोपाल के एक यार्ड में बदहाल स्थिति में खड़े हैं. टायर कीचड़ में धंस गए हैं, कुछ गाड़ियां पंचर हो चुकी हैं, फिर भी तीन महीनों से ये वाहन सड़कों पर नहीं उतरे हैं. 

एक ओर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले गरीब लोग शवों को ले जाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, वहीं सैकड़ों शव वाहन बेकार खड़े हैं.  

दरअसल, मार्च 2025 में मोहन यादव सरकार ने निशुल्क शव वाहन योजना को कैबिनेट में मंजूरी दी थी. इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना था जो आर्थिक तंगी के कारण शव वाहन का खर्च नहीं उठा सकते. लेकिन खरीद के बावजूद, पिछले दो-तीन महीनों से ये वाहन यार्ड में खड़े हैं.  

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नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे सरकार की संवेदनहीनता करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार अपनी ब्रांडिंग के लिए इतना नीचे गिर गई है कि शव वाहनों को गांवों में भेजने के बजाय किसी इवेंट का इंतजार कर रही है.  

यह भी पढ़ें: कांग्रेस विधायक का नाम लिखे होने से नहीं हो रहा शव वाहनों का इस्तेमाल, MLA बोले- दिक्कत हो तो मेरा नाम हटा दो

मध्य प्रदेश में कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां लोग शव वाहन का खर्च वहन न कर पाने के कारण पैदल, हाथ-ठेले या दुपहिया वाहन से शव ले जाते देखे गए हैं. इस योजना से ऐसी परिस्थितियों में लोगों को सम्मानजनक तरीके से मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल ये वाहन यार्ड से निकलने के लिए हरी झंडी के इंतजार में हैं.

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