मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) बीमारी के मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया हैं. जिले में 6 व्यक्तियों में जीबीएस की पुष्टि हुई है और उनमें से दो जिले के बाहर इलाज करा रहे हैं. इसी के चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम ने मंदसौर जिले के मुल्तानपुरा गांव का दौरा किया.
मंदसौर की जिला मजिस्ट्रेट अदिति गर्ग ने बताया कि 6 लोगों में जीबीएस की पुष्टि हुई है और उनमें से दो जिले के बाहर इलाज करा रहे हैं.
गर्ग ने बताया कि कुछ हफ्ते पहले जीबीएस के मामले सामने आए थे, जिसके बाद प्रशासन ने घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया.
एक अधिकारी ने बताया कि तीन मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि बाकी का इंदौर, अहमदाबाद और भोपाल में इलाज चल रहा है.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधियों की एक टीम ने गांव का दौरा किया और हालात का जायजा लिया. उनके साथ राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के विशेषज्ञ भी थे.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की संयुक्त टीम क्षेत्र में जीबीएस के मामलों की संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
बता दें कि जीबीएस एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम गलती से नसों पर हमला करती है, जिससे कुछ मामलों में मांसपेशियों में कमजोरी और लकवा हो सकता है. जीबीएस के लक्षणों की जल्द पहचान और समय पर इलाज ठीक होने के लिए जरूरी है.