मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज से बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 30 जुलाई को यह आदेश जारी किया था. नियम लागू होने के पहले ही दिन पेट्रोल पंप संचालकों ने बिना हेलमेट वाले दुपहिया चालकों को पेट्रोल देना बंद कर दिया है. बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल पंप से वापस भेजा जा रहा है. कई लोग 2-व्हीलर की डिक्की से हेलमेट निकालकर पहनते दिख रहे हैं, तो कई लोग दूसरे वाहन चालकों से कुछ देर के लिए हेलमेट मांगते दिख रहे हैं.
उधर, इंदौर में पेट्रोल पंप संचालकों ने आदेश का पालन करते हुए गुस्साए ग्राहकों से खुद को बचाने के लिए पुलिस और होमगार्ड की तैनाती की मांग की.
ट्रैफिक पुलिस और जिला अधिकारियों के साथ एक बैठक में पेट्रोल पंप संचालकों ने चिंता व्यक्त की कि इस नियम को लागू करने से ग्राहकों के साथ विवाद हो सकता है.
इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह वासु ने बताया, "हम जनहित में जारी इस आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें डर है कि बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल देने से मना करने पर हमारे कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार या मारपीट हो सकती है. हम हर पंप पर कम से कम एक कांस्टेबल या होमगार्ड की तैनाती का अनुरोध करते हैं."
पुलिस उपायुक्त (यातायात) अरविंद तिवारी ने आश्वासन दिया कि इस आदेश को लेकर हंगामा करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
तिवारी ने कहा, "हालांकि पंपों पर सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी संचालकों की है, लेकिन किसी भी विवाद की सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस दल भेजा जाएगा."
अधिकारियों ने बताया कि यह कदम सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अभय मनोहर सप्रे के निर्देशों के बाद उठाया गया है, जिन्होंने मंगलवार को एक बैठक के दौरान अधिकारियों को हेलमेट और सीटबेल्ट संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए थे.
प्रशासन ने बुधवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत 'हेलमेट नहीं, पेट्रोल नहीं' का आदेश जारी किया. इसका उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की जेल या 5000 रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
यह आदेश 1 अगस्त से लागू हो गया और आदेश का उल्लंघन करने पर पेट्रोल पंप संचालकों के खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है.