नई दिल्लीः देश में भारतीय भाषाओं के साहित्य के सबसे बड़े मंच 'साहित्य आज तक 2022' की घोषणा के साथ ही आपके मन में यह कयास शुरू हो गया होगा कि इस साल इसमें कौन कब शिरकत करेगा. हम आपको इसमें शामिल होने के लिए सहमत साहित्यकारों और कलाकारों की जानकारी यहीं देते रहेंगे.
आपको इतना तो हम बता ही चुके हैं कि देश की राजधानी दिल्ली के केंद्र में स्थित मेजर ध्यान चऺद नेशनल स्टेडियम में यह मेला इस साल 18 नवंबर से 20 नवंबर तक होने जा रहा है. साहित्य आज तक 2022 की शुरुआती प्रस्तुति गायिका असीस कौर की है. एक समय इंडियन आइडल के ऑडिशन राउंड में ही रिजेक्ट कर गई असीस आज युवा दिलों की धड़कन हैं. उनकी सुरीली आवाज ने न केवल उन्हें लाखों प्रशंसक दिए हैं बल्कि ढेर सारे अवार्ड भी दिलवाए हैं.
शेरशाह फिल्म का गाना 'के रातां लंबियां, लंबियां रे, कटे तेरे संगेयां संगेयां रे' से सिंगर असीस कौर ने लोकप्रियता का एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया. वे पंजाबी भाषियों के साथ ही पूरे देश में लोकप्रिय हो गईं. असीस कौर का गायिकी का सफर बहुत कम उम्र में शुरू हो गया था और अब वह बॉलीवुड की जानी-मानी आवाज हैं.
हरियाणा के पानीपत से ताल्लुक रखने वाली असीस एक पंजाबी परिवार में 26 सितंबर, 1988 को पैदा हुईं. वह महज 5 साल की उम्र से ही गुरबानी गा रही हैं. उनकी यह गुरबानी पंजाब और हरियाणा के अलावा पूरी दुनिया के पंजाबी भाषियों और गुरबानी समझने वालों के बीच इतनी हिट हुई कि उन्हें इवेंट्स में गुरबानी गाने के लिए बुलाया जाने लगा.
कॉलेज खत्म करने के बाद असीस ने पूरी तरह से अपने को गायन को समर्पित कर दिया. जालंधर से उस्ताद पुराण शाहकोटी से प्रशिक्षण लिया. उन्होंने हिंदी और पंजाबी के कई रियलिटी शो में हिस्सा लिया. धीरे-धीरे उनकी आवाज और अलबम ने उन्हें युवाओं के बीच स्थापित कर दिया. उन्होंने तमंची के 'दिलदरा रिप्राइज' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. तब से, उन्होंने विभिन्न संगीतकारों के साथ केसरी के 'वे माही', ड्राइव के 'मखना', सिम्बा के 'बंदेया रे बंदेया' और 'तेरे बिन', लवयात्री के 'अख लड़ जावे' और कपूर एंड संस के 'बोलना' सहित कई बॉलीवुड गीत गाया है.
हरियाणवी सिंगर रेनुका पवार के साथ असीस कौर ने मिलकर मशहूर हरियाणवी गीत 52 गज का दामन का हिंदी वर्जन भी लॉन्च किया, जो इतना हिट हुआ कि सितंबर 2021 में असीस कौर को जोड़ीदार रेनुका पवार के साथ न्यूयॉर्क की टाइम्स स्क्वायर बिल्डिंग पर फीचर किया गया. असीस अब तक दो बार फिल्मफेयर अवार्ड और एक आईआईएफए अवार्ड जीत चुकी हैं.
याद रहे कि हर बार की तरह इस साल भी कला, सिनेमा, संगीत, थिएटर, राजनीति और संस्कृति से जुड़े दिग्गजों से टेलीविजन के बड़े एंकर उनकी किताबों, प्रस्तुतियों, काम, समसामयिक विषयों पर खुले मंच पर चर्चा करेंगे. इस दौरान नाट्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी रखी गई हैं.
गायन, वादन, कहानी पाठ के अलावा यहां मुशायरा और कवि सम्मेलन भी हो रहा है. तो कौन, कहां, कब, किस मंच की शोभा बढ़ाएगा, इसकी जानकारी आपको आने वाले दिनों में इसी जगह मिलती रहेगी, पर असली सूची रजिस्ट्रेशन की लाइन ओपेन होने के बाद ही पता चलेगी.
साहित्य आज तक के पिछले संस्करणों में जिन गायकों ने हिस्सा लिया है उनमें शुभा मुद्गल, वडाली ब्रदर्स, मालिनी अवस्थी, हंस राज हंस, कैलाश खेर, नूरा सिस्टर्स, निज़ामी बंधु, रेखा भारद्वाज, विद्या शाह, मैथिली ठाकुर, उस्ताद राशिद अली, उस्ताद शुजात हुसैन खान, रुहानी सिस्टर्स, स्वानंद किरकिरे, अनूप जलोटा, पंकज उधास, इरशाद कामिल, मनोज मुंतशिर, संदीपनाथ, शैली के अलावा सलमान अली आदि शामिल हैं.
याद रखें कि हर बार की तरह इस साल भी कला, सिनेमा, संगीत, थिएटर, राजनीति और संस्कृति से जुड़े दिग्गजों से टेलीविजन के बड़े एंकर उनकी किताबों, प्रस्तुतियों, काम, समसामयिक विषयों पर खुले मंच पर चर्चा करेंगे. इस दौरान नाट्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी रखी गई हैं.
गायन, वादन, कहानी पाठ के अलावा यहां मुशायरा और कवि सम्मेलन भी हो रहा है. तो कौन, कहां, कब, किस मंच की शोभा बढ़ाएगा, इसकी जानकारी आपको आने वाले दिनों में इसी जगह मिलती रहेगी, पर असली सूची रजिस्ट्रेशन की लाइन ओपेन होने के बाद ही पता चलेगी.