आलू का सेवन हर घर में काफी ज्यादा किया जाता है. आलू एक ऐसी सब्जी है जिसे किसी भी सब्जी के साथ मिक्स करके बना दिया जाता है. आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज्यादा होता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. प्रोसेस्ड और तले हुए आलू में अनहेल्दी फैट और कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है,जिससे वजन बढ़ता है और दिल की बीमारी होती है. इसके ज्यादा सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे पेट फूलना, एसिड रिफ्लक्स और कब्ज. जब आप बहुत अधिक मात्रा में आलू का सेवन करते हैं तो इससे आपकी सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
आलू खाने से हो सकते हैं ये नुकसान-
आलू, को जब रिफाइंड और प्रोसेस्ड तरीके से खाया जाता है तो इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) हाई होता है. इसका मतलब है कि ये ब्लड शुगर लेवल में तेज़ी से वृद्धि करते हैं, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, जिसका अधिक सेवन करने पर वजन बढ़ सकता है. चिप्स और फ्राइज़ जैसे प्रोसेस्ड आलू में अक्सर अनहेल्दी फैट और कैलोरी अधिक होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है. बहुत अधिक आलू खाने से शरीर में फैट का स्टोरेज बढ़ सकता है.
आलू में फाइबर होता है, लेकिन तले हुए या बहुत ज्यादा प्रोसेस किए हुए आलू का ज्यादा सेवन करने से पाचन स्लो हो सकता है और पेट फूलना, कब्ज और गैस जैसी समस्याएं हो सकती है. कुछ लोगों को कार्बोहाइड्रेट की हाई मात्रा के कारण एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत हो सकती है, खासकर जब आलू बड़ी मात्रा में खाया जाता है.
आलू में एल्कलॉइड होते हैं जो गठिया से पीड़ित लोगों में इंफ्लेमेशन को ट्रिगर कर सकते हैं. कुछ लोग आलू खाने के बाद जोड़ों के दर्द, जकड़न और सूजन की शिकायत करते हैं. अगर आपको ऑटोइम्यून डिसऑर्डर या इंफ्लेमेशन है , तो आलू का सेवन सीमित करना सबसे अच्छा हो सकता है.
तले हुए आलू जैसे फ्रेंच फ्राइज़ और आलू के चिप्स में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की हाई मात्रा होती है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) के लेवल को बढ़ा सकती है. इससे हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, प्रोसेस्ड आलू में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो बार-बार खाने पर हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता हैं.