दिमाग शरीर का सबसे अहम अंग है, क्योंकि यह न केवल शरीर के सभी अंगों को नियंत्रित करता है, बल्कि यह हमारी सोच, समझ, याददाश्त, और भावनाओं का केंद्र भी होता है. इसलिए दिमाग की हेल्थ का भी ध्यान रखना काफी जरूरी होता है. भले ही आप एक्टिव बने रहते हैं, दिन भर ऑफिस की सीढियां चढ़ते-उतरते हैं, पैदल भी खूब घूमते हैं लेकिन यदि आप लंबे समय तक बैठते हैं तो इसका असर आपके मस्तिष्क पर भी पढ़ता है. नई रिसर्च से पता चलता है कि इससे वास्तव में मेमोरी और निर्णय लेने वाले दिमाग के हिस्से में सिकुड़न हो सकती है. इसके लिए आपको बैठने के समय को कम करना होगा.
क्या कहती है रिसर्च
वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के मेमोरी और अल्ज़ाइमर सेंटर के शोधकर्ताओं ने 7 सालों में 404 वृद्धों (औसत आयु 71) के एक्टिविटी लेवल को मापने पर नजर रखी. वे लोग औसतन प्रतिदिन 13 घंटे बैठे रहे. यह संख्या ट्रेवल, डेस्क जॉब, भोजन और खाली समय के साथ तेजी से बढ़ती है.
रिसर्च से पता चलता है कि लंबे समय तक बैठे रहने से आपके मस्तिष्क को नुकसान हो सकता है, भले ही आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हों. 7 साल के अध्ययन में पाया गया है कि जो वयस्क अधिक समय तक बैठे रहे, उनमें मस्तिष्क सिकुड़न और मानसिक गिरावट अधिक देखी गई. निष्कर्ष इस विचार को चुनौती देते हैं कि रोजाना वर्कआउट, अधिक बैठने से होने वाले नुकसान को कम कर सकता है.
जो लोग अधिक बैठते थे, उनमें याददाश्त और अल्जाइमर से जुड़े मस्तिष्क के क्षेत्रों में कमी देखी गई, साथ ही याददाश्त संबंधी टेस्ट में उनकी परफॉर्मेंस भी खराब रही. उनमें हिप्पोकैम्पल वॉल्यूम में भी तेजी से कमी देखी गई, जो याददाश्त के लिए मस्तिष्क का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और अल्जाइमर में सबसे पहले कम होने वाले क्षेत्रों में से एक है.
पिछले हुई रिसर्चों में बैठने को हार्ट डिसीज, डायबिटीज और कैंसर से जोड़ा गया था और यह रिसर्च अब उन साइड इफेक्ट में दिमाग की सिकुड़न को भी जोड़ देता है. लंबे समय तक बैठे रहने से मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, सूजन बढ़ सकती है और मस्तिष्क कोशिका कनेक्शन बाधित हो सकते हैं.
मस्तिष्क का ख्याल कैसे रखें?
तकनीक, स्मार्टफोन, एआई और रिमोट से चलने वाली हर चीज ने दैनिक जीवन को और भी सुविधाजनक बना दिया है इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग पहले से काफी अधिक समय बैठकर बिताते हैं. कोविड से पहले इंसान औसत 9 घंटे बैठकर बिताता था लेकिन अब वही आंकड़ा 12 घंटे पहुंच गया है.
मस्तिष्क के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित लोगों को अपने बैठने का समय कम करना होगा. खड़े होकर काम करने वाली डेस्क, नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और अन्य एक्टिविटी से बैठने के समय को कम किया जा सकता है.