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मिलेट कुकीज, खीर और केक... जानिए G20 मेहमानों के लिए मोटे अनाज से बने खास पकवानों पर क्यों है जोर

नई दिल्ली में जारी G20 समिट में दुनियाभर से आए वैश्चिक नेताओं को मिलेट्स यानी मोटे अनाज से बने पकवान परोसे जा रहे हैं. सरकार इसके जरिए मोटे अनाज के गुणों को दुनिया से रूबरू कराना चाहती है.

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जी 20 समिट
जी 20 समिट

नई दिल्ली में G-20 ग्रुप के सदस्य देशों की मुलाकात शुरू हो चुकी है. भारत 9-10 सितंबर के बीच जी 20 के 18वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. भारत दुनिया भर में अपनी मेहमानवाजी के लिए जाना जाता है और जी 20 के इस सम्मेलन में मेहमानों को कश्मीर से कन्याकुमारी तक लजीज व्‍यंजनों को परोसा जा रहे हैं.

खास बात है कि मेहमानों के ब्रेकफ्रास्‍ट, लंच और डिनर तमें 500 से ज्‍यादा डिशेज को शामिल किया गया है, जिसमें मिलेट यानी मोटे अनाज के व्‍यंजन शामिल हैं. बता दें कि भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने मिलेट्स के फायदों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर के रूप में मान्यता दी है. 

भारत के अलावा इस समित में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, जापान,जर्मनी, फ्रांस, रूस, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और कनाडा जैसे अहम देश के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. रागी, बाजरा और ज्वार जैसे मोटे अनाजों को प्रमोट करने के लिए इन दो दिनों की समिट में विदेशी मेहमानों को मिलेट्स कुकीज, केक, खीर, इडली, सूप, नरगिसी कोफ्ता जैसी डिशेज परोसी जा रही हैं.

मिलेट्स क्या है
मिलेट के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट घोषित किया गया है. भारत की तरफ से की गई इस पहल के कारण दुनिया का ध्‍यान इस अनाज की ओर गया है. मिलेट्स में मोटे और छोटे दोनों वाले अनाज शामिल होते हैं. प्रमुख मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा और रागी का नाम आता है, तो वहीं छोटे अनाजों में कुटकी, कांगनी, कोदो और सांवा शामिल हैं. ये सभी कैल्शियम, आयरन, फाइबर समेत ढेरों पोषक तत्वों के बढ़िया सोर्स हैं.

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मिलेट्स के फायदे
खाने में स्‍वादिष्‍ट होने के साथ-साथ मिलेट्स बैड कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ ही हार्ट डिसीस और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से भी बचाते हैं. आसानी से पचने की वजह से ये पेट के लिए और वजन कम करने के लिए भी अच्छे हैं. मिलेट रोग प्रतिरोधी क्षमता को भी बढ़ाते हैं.

किसानों के लिए फायदेमंद
देश में मिलेट के उत्पादन और उपभोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ में किसानों की आय बढ़ाने में मिलेट की भूमिका का जिक्र किया था. उन्‍होंने मिलेट्स को लोगों तक पहुंचाने वाले किसानों के बारे में बताया था. साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में मिलेट्स को श्रीअन्न के तौर पर प्रमोट करने और भारत को इसका वैश्विक हब बनाने की सरकार की योजना के बारे में बताया था.

देश और विदेश में लोकप्रिय होने की वजह से अब मिलेट्स छोटे किसानों के लिए भी यह आमदनी बढ़ाने का जरिया बन गया है. खास बात यह है कि मिलेट पोषक तत्‍वों से भरपूर ऐसा अनाज है जिसकी पैदावार कम बारिश वाले क्षेत्रों में भी की जा सकती है. स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होने के कारण मिलेट अब दुनियाभर में भोजन का हिस्‍सा बन रहा है.

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