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घर पर ही पाना चाहते हैं एक्ने की समस्या से छुटकारा? इन टिप्स को करें फॉलो

एक्ने एक परेशान करने वाली समस्या हो सकती है, लेकिन घरेलू उपचार और लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं. अगर आपको लगता है कि आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए, तो बिना देर किए अपने डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें.

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एक्ने आमतौर पर टीनएज में शुरू होता है लेकिन 30 साल तक या उससे ज्यादा समय तक भी रह सकते हैं. कुछ लोगों में यह 20 साल की उम्र के बाद भी होते हैं, जिसे एडल्ट ऑनसेट एक्ने कहते हैं. यह एक क्रॉनिक कंडीशन है, यानी लम्बे समय तक चलने वाली समस्या है, इसलिए सिर्फ बार-बार डॉक्टर के पास जाना ही समाधान नहीं है बल्कि खुद भी एक्ने को समझकर सही देखभाल करनी जरूरी है.

एक्ने के कारण-

एक्ने के चार कारण होते हैं:

1. ज्यादा सीबम रिसाव (Oil secretion) – हमारे चेहरे की तेल ग्रंथियों (oil glands) में एंड्रोजन नामक हार्मोन एक्टिव होता है जो तेल की मात्रा को कंट्रोल करता है. कई मामलों में हार्मोन की मात्रा नॉर्मल होते हुए भी रिसेप्टर में म्यूटेशन के कारण तेल का रिसाव ज्यादा होता है.

2. क्लॉक्ड पोर (Blocked pores)– स्किन के नीचे के सेल ऊपर की ओर बढ़ते हैं, लेकिन कभी-कभी ये पोर्स को ब्लॉक कर देते हैं जिससे सीबम स्किन तक नहीं पहुँच पाता और पोर्स बंद हो जाता है.

3. क्यूटिबैक्टीरियम एक्ने (Bacteria) – यह बैक्टीरिया सामान्य तौर पर स्किन पर होते हैं, पर बढ़कर एक्ने को जन्म देते हैं.

4. इम्यून प्रतिक्रिया (Immune reaction) – हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम इस बैक्टीरिया के प्रति रिएक्शन करता है जिससे रेडनेस, इंफ्लेमेशन, और दर्द होता है. स्ट्रेस, मसालेदार और डेयरी चीजें खाने से यह इम्यून प्रतिक्रिया बढ़ सकती है और इंफ्लेमेशन होती है. इसे सिर्फ फेस वॉश या दवा से ठीक नहीं किया जा सकता, बल्कि लाइफस्टाइल और स्किन केयर के कॉम्बिनेशन से ही बेहतर परिणाम मिलते हैं.

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स्किन केयर में स्टेप्स

1. सही क्लेंज़र चुनना

  • नॉर्मल से ऑयली स्किन वालों के लिए सलिसिलिक एसिड बेस्ड फेस वॉश (जिनमें जिंक पीसी भी हो सकता है) बेहतर रहता है.
  • ड्राई स्किन वाले मेंडलिक एसिड फेस वॉश यूज कर सकते हैं.
  • बेंजोइल परॉक्साइड भी एक ऑप्शन है जो बैक्टीरिया को मारता है और एक्ने कम करता है.
  • फेस वॉश दिन में दो बार करें, सुबह और रात को, साथ ही खेल या एक्सरसाइज के बाद जरूर.
  • नायसिनामाइड, ग्लाइकोलिक एसिड बेस्ड फेस वॉश भी सही हैं जो न सिर्फ ऑयल कंट्रोल करते हैं, बल्कि रेडनेस कम करते हैं और स्किन को ब्राइट भी करते हैं.

2. एक्टिव इंग्रेडिएंट्स का उपयोग

  • सुबह सैलिसिलिक एसिड सीरम, एज़ेलिक एसिड क्रीम (10% से शुरू कर 20% तक जा सकते हैं), या नायसिनामाइड का उपयोग करें.
  • रात को बेंजोइल परॉक्साइड (2.5% से शुरू) या रेटिनॉल/रेटिनॉइड्स लगाएं.
  • रेटिनॉल रेटिनॉइड्स के लम्बे इस्तेमाल से ऑयल कंट्रोल, पोर्स कम होना, और एक्ने रिटर्न न होना होता है.
  • कुछ एंटीबायोटिक्स जैसे क्लिंडाइसिन 1% और माइनोसाइक्लिन जेल मौजूद हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल तीन महीने से ज्यादा नहीं करना चाहिए क्योंकि बैक्टीरिया रेजिस्टेंस बन जाते हैं. माइनोसाइक्लिन जेल थोड़ी येलो टिंट छोड़ता है, इसलिए इसे रात में लगाना ठीक है.
  • पस भरे पिंपल्स के लिए क्लिंडामाइसिन और बेंजोइल परॉक्साइड का कॉम्बिनेशन सही रहता है.

3. लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन -

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डाइट: डाइट में बदलाव करें, जैसे कि डेयरी और शुगर का सेवन कम करें. हाइड्रेशन बनाए रखें और रात को अच्छी नींद लें.

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