Winters Joint Pain: जैसे ही सर्दियों की ठंडी हवाएं अपना रंग दिखाना शुरू करती हैं, सबसे पहले असर आपके जोड़ों पर महसूस होने लगता है. शुरुआत में हल्की सी जकड़न होती है, लेकिन धीरे-धीरे घुटने, कमर, कंधे और पुराने चोट वाले हिस्से ऐसे दर्द देने लगते हैं जैसे मानो सालों पुरानी यादें फिर से ताजा हो गई हों. कई लोग इसे उम्र या कमजोरी का नाम देते हैं, लेकिन असल वजह इससे भी ज्यादा दिलचस्प है. ठंड बढ़ते ही शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं और ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है. जब खून सही तरह से नहीं पहुंच पाता, तो जोड़ों की नरमी कम हो जाती है और वे कठोर महसूस होने लगते हैं.
जैसे-जैसे तापमान गिरता है, मसल्स टाइट होने लगती हैं, जिससे हल्की-सी खिंचाव वाली तकलीफ भी बढ़ सकती है. कई लोगों को ऐसा लगता है जैसे पूरा शरीर धीरे-धीरे जम रहा हो चलने-फिरने तक में मन नहीं करता. पुराने फ्रैक्चर या चोट वाले हिस्से तो मानो सर्दी का इंतजार ही कर रहे हों. ठंड पड़ते ही उनमें भयंकर दर्द होने लगता है, जिस पर से ध्यान हटाना बहुत मुश्किल होता है. यही कारण है कि सर्दियों का मौसम कई लोगों के लिए आराम से ज्यादा सावधानी लेकर आता है. अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं तो आज हम आपको कुछ आसान और काम की सेल्फ-केयर टिप्स बताने वाले हैं, जो सर्दियों में आपको फिट, एक्टिव और दर्द से राहत दिलाने में मदद करेंगी.
1. शरीर को गर्म रखें: ठंड में शरीर को गर्म रखना सबसे जरूरी है, क्योंकि जैसे ही तापमान गिरता है, जोड़ों की स्टीफनेस बढ़ जाती है. इसलिए हमेशा लेयर वाले कपड़े पहनें ताकि शरीर का तापमान बना रहे. घर में बैठते समय रजाई, कंबल या हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें, ये जोड़ों की जकड़न को कम करते हैं. मोजे, टोपी और ग्लव्स जैसी छोटी चीजें भी शरीर की गर्मी को बनाए रखने में मदद करती हैं. कोशिश करें कि घर के कमरे भी बहुत ठंडे न हों, क्योंकि ठंडी हवा जोड़ों के दर्द को और बढ़ा सकती है.
2. हल्की एक्सरसाइज करें: सर्दियों में बहुत लोग आलस की वजह से कम चलने-फिरने लगते हैं, और यही दर्द को और बढ़ाता है. शरीर को चलाते रहने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है और जोड़ों की स्टिफनेस कम होती है. सुबह की हल्की स्ट्रेचिंग, योग या दिन में थोड़ी तेज चाल से चलना जोड़ों के लिए बहुत फायदेमंद है. एक्सरसाइज करते समय हमेशा हल्का-सा वार्म-अप करें, नहीं तो ठंडे जोड़ों पर अचानक दबाव पड़ सकता है. ध्यान रखें कि एक जगह लंबे समय तक बैठे रहना भी दर्द बढ़ाता है, इसलिए बीच-बीच में उठकर थोड़ा टहलते रहें.
3. खान पान सही रखें: ठंड के मौसम में ऐसी चीजें खाना जरूरी है जो हड्डियों और जोड़ों को मजबूती दें. कैल्शियम, विटामिन डी और ओमेगा-3 से भरपूर चीजें जैसे दूध-दही, हरी सब्जियां, अंडे, मछली, ड्राई फ्रूट्स और सीड्स खाने की कोशिश करें. सर्दियों में धूप कम मिलती है, इसलिए शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है, जो जोड़ दर्द की एक बड़ी वजह है. अगर संभव हो तो हल्की धूप में थोड़ी देर बैठें, वरना डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी सप्लिमेंट्स ले सकते हैं. पानी भी कम नहीं करना चाहिए, क्योंकि शरीर में पानी की कमी से जोड़ों की ल्यूब्रिकेसन कम हो जाती है और दर्द बढ़ सकता है.
4. सिकाई करें: अगर जोड़ों में ठंड की वजह से ज्यादा जकड़ रहे हों या दर्द कर रहे हों, तो गर्म सेक बहुत फायदेमंद होता है. हल्की गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड लगाने से मसल्स को राहत मिलती है और ब्लड फ्लो बेहतर होता है. गर्म पानी से नहाना भी जकड़े हुए जोड़ों को ढीला करता है और दर्द कम करता है. लेकिन ध्यान रखें कि सेक बहुत ज्यादा गर्म न हो, नहीं तो स्किन जल सकती है.
5. सही तरीके से बैठें: सर्दियों में लोग आम तौर पर सिकुड़कर या झुककर बैठने लगते हैं, जिससे कमर और गर्दन पर दबाव बढ़ जाता है. गलत तरीके से बैठने से रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा तनाव पड़ता है और जोड़ दर्द बढ़ सकता है. हमेशा सीधी कमर के साथ बैठें और पीठ को अच्छा सपोर्ट दें. मोबाइल या लैपटॉप इस्तेमाल करते समय गर्दन बहुत झुकाकर न बैठें. अगर आप घर से काम करते हैं, तो कोशिश करें कि कुर्सी और टेबल आपके शरीर के हिसाब से सही ऊंचाई पर हों.
6. पुरानी चोटों का ध्यान रखें: जिन लोगों को पहले फ्रैक्चर, लिगामेंट की चोट या ऑपरेशन हुआ हो, उनके लिए सर्दी थोड़ा मुश्किल हो सकती है. ठंड से पुराने चोट वाले हिस्सों में खिंचाव बढ़ जाता है, जिससे दर्द भी बढ़ सकता है. ऐसे में उन जगहों को गर्म रखना और हल्की फिजियोथेरेपी या स्ट्रेचिंग करते रहना बहुत जरूरी है. इससे मसल्स एक्टिव रहती हैं और स्टिफनेस कम होती है.
7. सुबह हल्के मूवमेंट करें: सर्दियों की सुबह अक्सर सबसे ज्यादा जकड़न लेकर आती है. इसलिए उठते ही हल्की स्ट्रेचिंग करना, थोड़ा टहलना या गर्म पानी से नहाना जोड़ों को जल्दी ढीला करता है. इससे पूरे दिन शरीर हल्का और एक्टिव महसूस होता है.