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रात 10 से 2 बजे के बीच नींद लेना क्यों है बेहद जरूरी? डॉ. तरंग ने समझाया

डॉ. तरंग कृष्णा ने बताया है कि शरीर की प्राकृतिक बॉडी क्लॉक के अनुसार रात 10 बजे से 2 बजे तक का समय नींद की रिकवरी के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है. इस दौरान शरीर की मरम्मत, मेटाबॉलिज्म की गति और इम्यून सिस्टम की सक्रियता अधिक होती है.

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सभी को 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना काफी जरूरी है. (Photo: Pixabay & Instagram/drtarangkrishna)
सभी को 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना काफी जरूरी है. (Photo: Pixabay & Instagram/drtarangkrishna)

दुनिया में अभी तक ऐसी कोई दवा नहीं बनी है जो आपकी नींद की रिकवरी कर दे यानी आपको नींद आ रही हो और आप एक टेबलेट खा लें तो आपको नींद की जरूरत ना पड़े. यदि आपने कम नींद ली है तो आपको उसे भरपाई करनी होगी और एक्स्ट्रा सोना होगा. भले ही आप भरपाई तो कर लेंगे लेकिन जितना आप कम सोए हैं, उसके नुकसान भी शरीर को ही उठाने होते हैं. दरअसल, हर शरीर में एक नेचुरल बॉडी क्लॉक होती है और उसके हिसाब से ही इंसान का रूटीन तय होता है और उसे नींद आने लगती है.

कैंसर हीलिंग सेंटर के एमडी और कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. तरंग कृष्णा ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया है कि आखिर आपकी बॉडी की रिकवरी का गोल्डन समय कौन सा होता है और उस समय नींद लेना क्यों जरूरी है? उनका कहना है कि आधी रात से पहले आराम के ये शुरुआती घंटे आपके शरीर की मरम्मत, आपके दिमाग को रिसेट और एनर्जी देने का काम करता है.

क्या बताया वीडियो में

डॉ. तरंग ने वीडियो में बताया, 'साधु-संत-योगी-महात्मा क्यों रात को 2-3 बजे उठ जाते हैं और पूरे दिन भर जागे रहते हैं लेकिन थकान नहीं होती? क्योंकि वह रात के 10 बजे से 2 बजे तक की नींद पूरी करते हैं और ये वो समय है जिसे गोल्डन समय कहा जाता है.'

'यही वह टाइम है जब आपकी बॉडी हीलिंग पर जाती है. यही वह टाइम है जब आपकी बॉडी का मेटाबॉलिज्म सबसे तेज होता है. यही वह टाइम है जब आपको नींद मैक्सिमम रिफ्रेश करती है और नेचुरल किलर सेल्स बॉडी में इम्यूनिटी से फाइट कर रहे होते हैं. यही वो टाइम है जब आप अपने शरीर को रिफ्रेश, रिचार्ज और रिजुविनेट कर सकते हो.'

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'लेकिन आजकल हो क्या रहा है? इस टाइम पर मैक्सिमम लोग जगे रहते हैं. कुछ लोग तो 2 बजे सोने जाते हैं. कुछ लोग तो इस टाइम पर टीवी देख-देख कर ये टाइम बर्बाद कर देते हैं.'

'अगर स्वस्थ रहना है, हेल्दी रहना है. एक हैबिट बना लीजिए. रात को 10 बजे सोने चले जाएं, चाहे कुछ हो जाए. अगर कोई पार्टी है, कोई इवेंट है तो कभी-कभार ठीक है लेकिन रूटीन में आप 10 बजे तक सो जाइए.'

'अगर आप रोजाना इस समय पर नहीं सो रहे हैं तो आप अपने शरीर के साथ खिलवाड़ कर रहे हो. बीमार नहीं पड़ना चाहते हैं तो इस टाइम का इस्तेमाल करना शुरू कर दो.'

क्या कहता है साइंस?

रिसर्च के मुताबिक, सोने का 'गोल्डन आवर्स' वह समय होता है जब शरीर की नैचुरल बायोलॉजिकल क्लॉक (Circadian Rhythm) सबसे तेज़ी से काम करती है और ये समय रात 10 से 2 बजे तक का होता है. रिसर्च में पाया गया कि नींद के आरंभ के तुरंत बाद, यानी प्रारंभिक गहरी नींद (slow-wave sleep) में ग्रोथ हार्मोन सबसे अधिक रिलीज होता है.

नींद की शुरुआत के कुछ घंटे (विशेषकर जब आप जल्दी सोते हैं) में बॉडी की रिकवरी होती है.

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