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Monsoon Infections: बरसात के मौसम में बढ़ जाता है इन स्किन इंफेक्शंस का खतरा! जानें इनसे बचने के आसान तरीके

Monsoon Infections: बरसात का मौसम अपने साथ बहुत सारे इंफेक्शंस लाता है. अब सवाल ये है कि इस मौसम में होने वाले इंफेक्शंस आखिर हैं कौन से और इनसे बचने के लिए क्या किया जा सकता है? आज इस आर्टिकल में हम इसके ही बारे में जानेंगे. चलिए जानते हैं. 

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लाल रैशेज
लाल रैशेज

मॉनसून ना सिर्फ ठंडी हवाएं और बारिश से लेकर आती है, बल्कि स्किन से जुड़ी समस्याएं भी खूब होती हैं. मौसम में मौजूद हाई ह्यूमिडिटी और गीले कपड़े  आपकी स्किन को बैक्टीरिया और फंगस के पनपने के लिए बढ़िया जगह बना देती है. सही देखभाल के बिना, ये मौसमी चीजें इंफेक्शंस में बढ़ोतरी का कारण बन सकते हैं. लेकिन लोग इसे अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं और ये बीमारियां धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं. 

सवाल ये है कि इस मौसम में होने वाले इंफेक्शंस आखिर हैं कौन से और इनसे बचने के लिए क्या किया जा सकता है? आज इस आर्टिकल में हम इसके ही बारे में जानेंगे. चलिए जानते हैं. 

एथलीट फुट:
एथलीट फुट मॉनसून के मौसम में होने वाली एक आम स्किन प्रॉब्लम है. हाई ह्यूमिडिटी और गीले जूते, फंगस के पनपने के लिए अच्छी जगह है. यह कंडीशन आमतौर पर पैर की उंगलियों के बीच स्किन को एफेक्ट करती है. इसकी वजह से आपको लालिमा, खुजली, स्किन का फटना या छिलना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं. एथलीट फुट से बचने के लिए, अपने पैरों को साफ और सूखा रखें. उन्हें अच्छी तरह धोएं और अच्छी तरह सुखाएं, खासकर पैर की उंगलियों के बीच की जगह को. ज़रूरत पड़ने पर एंटीफंगल पाउडर का इस्तेमाल करें. हमेशा साफ, सूखे मोज और जूते पहने. 

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दाद: 
दाद एक आम फंगल इंफेक्शन है, जो लाल धब्बे की तरह स्किन पर उभर जाता है. इसमें भयंकर खुजली आती है. इससे बचने के लिए, अपने शरीर को साफ और सूखा रखें, एंटीफंगल क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल करें और ढीले सूती कपड़े पहनें. तौलिये या कपड़े दूसरों के साथ शेयर करने से बचें. खुला और हवादार फुटवियर पहनें और गीले कपड़े हमेशा जल्दी से बदल लें. मोजे और जूते दोबारा पहनने से पहले पूरी तरह से सूखे होने चाहिए. अगर दाने फैलते हैं, दो हफ्तों में ठीक नहीं होते, तो डॉक्टर से मिलें.

एरिथ्रास्मा:
एरिथ्रास्मा एक स्किन इंफेक्शन है जो कमर, बगल या पैर की उंगलियों के बीच स्किन की लाइंस में गुलाबी या भूरे रंग के धब्बों के रूप में दिखाई देता है. इन धब्बों में खुजली हो सकती है या हल्की जलन हो सकती है. इससे बचने के लिए, रोजाना एंटीबैक्टीरियल साबुन से नहाएं, स्किन को सूखा रखें और एंटीबैक्टीरियल पाउडर का इस्तेमाल करें. टाइट कपड़े पहनने से बचें, गीले कपड़े जल्दी से बदल दें और स्किन की लाइंस को ताजी हवा लगने दें ताकि नमी जमा न हो. अगर दो हफ्ते बाद दाने और बिगड़ जाएं, दर्द होने लगे, या आपको डायबिटीज जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स हों, तो डॉक्टर से मिलें.

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फॉलिकुलिटिस: 
ये एक स्किन संबंधी समस्या है जो पसीने, नमी या फ्रिक्शन के कारण बालों के रोमछिद्रों में सूजन आने से होती है. इसकी शुरुआत बालों की जड़ों के आसपास लाल और खुजलीदार फुंसियों से होती है.
इससे बचने के लिए, नहाते समय एलोवेरा या पतला टी-ट्री ऑयल इस्तेमाल करें. हफ्ते में एक बार बहुत ही हल्के ब्रश और हल्के हाथों से एक्सफोलिएट करें और रैशेज पर शेविंग करने से बचें.
अगर रैशेज फैल जाएं, एक हफ्ते में ठीक न हों या दर्द या सूजन हो जाए, तो डॉक्टर से मिलें.

हीट रैशेज/घमौरियां:
गर्मी और उमस भरे मौसम में पसीने के रोमछिद्र बंद हो जाने पर घमौरियां होती हैं, जो मॉनसून में एक बहुत ही आम बात है. ये छोटे लाल या सफेद फुंसियों के रूप में दिखाई देते हैं, जिनमें खुजली होती है. घमौरियां आमतौर पर गर्दन, छाती या स्किन पर पड़ने वाली लाइंस पर होती हैं. इससे बचने के लिए, पंखे या एसी की हवा में रहें, ढीले कपड़े पहनें, ठंडे पानी से नहाएं और अपनी स्किन को धीरे से सुखाएं. गाढ़ी क्रीम या पाउडर लगाने से बचें. कैलामाइन या ओटमील जैसे लोशंस का इस्तेमाल करें. अगर घमौरियां कुछ दिनों से ज्यादा रहें, बिगड़ जाएं, दर्द करने लगें, लाल हो जाएं, या बुखार के साथ हों तो डॉक्टर से मिलें.
 

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