कब्ज की समस्या का सामना सिर्फ बड़ों को ही नहीं करना पड़ता बल्कि बच्चों को भी कब्ज की समस्या से जूझना पड़ता है. बच्चों में कब्ज की दिक्कत होना काफी आम होता है. इस समस्या का लगभग 30 से 35 फीसदी बच्चों को सामना करना पड़ता है. बच्चों में कब्ज होने के कई कारण होते हैं. कब्ज की दिक्कत होने पर बच्चे कई-कई दिनों तक मल त्याग नहीं कर पाते या उन्हें काफी ज्यादा टाइट मल का सामना करना पड़ता है.
बच्चों में कब्ज के संकेत
हफ्ते में दो या उससे भी कम बाउल मूवमेंट
काफी टाइल स्टूल(मल)
मल त्याग करते समय दर्द होना
मल त्याग करते समय खून निकलना
खाना खाने के बाद पेट में दर्द होना
टॉयलेट जाने में दर्द महसूस होना
भूख कम होना
बच्चों में कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय
पेट की मालिश करें- शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए, पेट की मालिश करना करना या फिर उनकी हल्की एक्सरसाइज कराना फायदेमंद साबित हो सकता है. छोटे बच्चों के पैरों से साइकिल चलाना एक अच्छा आइडिया है इससे उन्हें मल त्याग करने में आसानी महसूस होती है.
नेचुरल लैक्सेटिव का इस्तेमाल करें- बच्चों को ऐसी चीजें खिलाएं जिससे उन्हें मल त्याग करने में आसानी हो. बच्चों की डाइट में आलूबुखारा, सेब और नाशपाती को शामिल करें. ये नेचुरल लैक्सेटिव हैं. इन फलों में "सोर्बिटोल" नाम की शुगर पाई जाती है, जो आंतों को मॉइश्चराइज करती है और मल को नरम बनाती है.
पानी खूब पिएं- पानी का सेवन (एक साल से बड़े बच्चों के लिए) शरीर को हाइड्रेट रखता है, जिससे मल त्याग भी आसान हो जाता है. पर्याप्त पानी पीने से कब्ज को रोकने में मदद मिलती है. छह महीने की उम्र से बच्चों को थोड़ा-थोड़ा पानी जरूर पिलाएं.
फाइबर बढ़ाएं- अपने बच्चे की डाइट में रोजाना पलों और सब्जियों को शामिल करें. साथ ही उन्हें पानी पिलाएं. प्रोसेस्ड फूड का सेवन बच्चों को ना करने दें. इससे उन्हें कब्ज हो सकती है.
डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कम करें- डेयरी प्रोडक्ट्स का ज्यादा सेवन, खास तौर पर दूध, कब्ज का कारण बन सकता है. कई बच्चों को गाय के दूध को पचाने में दिक्कत होती है. डेयरी प्रोडक्ट्स कब्ज का कारण बन सकते हैं. डेयरी उत्पादों में सिस्टम-रेगुलेटिंग फाइबर कम होता है.