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मॉनसून में रहना चाहते हैं हेल्दी, इस चीज को करें अपनी डाइट में शामिल

आज हम आपको मानसून, गर्मियों और सर्दियों में कौन सी डाइट फॉलो करनी चाहिए इसके बारे में बताने जा रहे हैं. आयुर्वेद के अनुसार अपने खान-पान और डेली रूटीन को मौसम के अनुसार बदलकर हम न सिर्फ बीमारियों से बचे रहते हैं बल्कि जीवन में स्ट्रेंथ और एनर्जी बनाए रख सकते हैं.

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Monsoon Health Tips
Monsoon Health Tips

बारिश, गर्मी और सर्दी के मौसम में हमारे शरीर की जरूरतें और प्रतिक्रिया बदल जाती है. आयुर्वेद के अनुसार, हर मौसम का अपना एक रूटीन होता  है और उसी के अनुसार खानपान और लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी होता है ताकि हमारी हेल्थ बैलेंस रहे. मौसम बदलने के साथ ही आपको अपने खानपान में बदलाव करना जरूरी माना जाता है. ऐसे में आइए जाते हैं आप किस मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं.

बारिश का मौसम- यह मौसम ठंडा और नमी से भरा होता है, जिससे पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है और कफ बढ़ता है. इसलिए भारी, ठंडा और कच्चा खाना जैसे कि पकोड़े, समोसे, ठंडा छाछ, दही, सलाद आदि से परहेज करें. नमी के कारण शरीर में कीटाणु भी बढ़ सकते हैं. इस मौसम में हल्का, गरम और पचने में आसान भोजन जैसे गर्म सूप, दाल-खिचड़ी, सब्जी और मूंग दाल की खिचड़ी खानी चाहिए.

खाने में घी और पाचन बढ़ाने वाले मसाले जैसे अदरक, हल्दी, जीरा और धनिया डालें. सुबह गर्म पानी में सौंफ-अदरक उबालकर पीने से डाइजेशन और इम्यूनिटी बढ़ती है. तुलसी और गिलोय का काढ़ा भी सप्ताह में तीन बार लेना लाभकारी है. ठंडे पानी की बजाय गर्म पानी से स्नान करें, जिससे वात दोष नियंत्रित रहता है.

गर्मी का मौसम- इस मौसम में पेट में जलन, डिहाइड्रेशन और चिड़चिड़ापन होता है. इसलिए ठंडी तासीर वाली चीजें लेना चाहिए जो शरीर और मन दोनों को ठंडा रखें. खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, नारियल पानी जैसे फल-तरकारी लाभकारी हैं. लौकी, तोरी, टिंडा और पुदीने वाला रायता भी पेट को ठंडा करता है. छाछ में जीरा पाउडर व पुदीना मिलाकर पीने से डाइजेशन बेहतर होता है. सौंफ का पानी पीना और पुदीने की चटनी खाने से ठंडक बनी रहती है. दोपहर की तेज धूप से बचें, हल्का योग करें और सप्ताह में 2-3 बार नारियल तेल से मालिश करें.

सर्दी का मौसम- इस दौरान शरीर ठंडा हो जाता है, जोड़ों में अकड़न होती है और इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है. इसलिए इस मौसम में भारी, पौष्टिक और गर्माहट देने वाला भोजन करें. उदाहरण के लिए उड़द की दाल वाली खिचड़ी, दलिया, ओट्स, गुड़ और तिल वाले लड्डू. रात को सोने से पहले हल्दी वाला गर्म दूध पीना जुकाम, खांसी और जॉइंट पेन में राहत देता है.

तुलसी, इलायची, दालचीनी और अदरक वाली चाय रोजाना पीना इम्यूनिटी बढ़ाता है. सुबह धूप लेना विटामिन डी देता है और शरीर को गर्म रखता है. सप्ताह में दो बार सरसों या तिल के तेल से मालिश करने से शरीर की गर्माहट और तरावट बढ़ती है और सर्द हवा का असर कम होता है.

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