
अक्सर घरों में आपने बचपन से ही एक फूड कॉम्बिनेशन जरूर देखा होगा और वो है 'राजमा-चावल'. दोपहर की थाली में स्टीम्ड चावल और मसालेदार राजमा, उसका टेस्ट तो अभी भी जुबान पर चढ़ा हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं इस कॉम्बिनेशन का कारण सिर्फ बढ़िया टेस्ट ही नहीं बल्कि एक स्मार्ट न्यूट्रिशन कंपोजिशन भी है. जब राजमा और चावल को साथ में खाया जाता है तो ये और अधिक फायदा पहुंचाते हैं, तभी तो शुरू हुआ इनका कॉम्बिनेशन. प्रोटीन, फाइबर, जरूरी मिनरल्स और धीरे-धीरे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट वाली इस मील के बारे में जानने के बाद आप भी समझ जाएंगे कि ये कितना पोषणयुक्त खाना है.
अधूरे अमीनो एसिड से बना पॉवरफुल
राजमा यानी किडनी बीन्स प्लांट प्रोटीन का काफी अच्छा सोर्स है लेकिन राजमा में इनकंपलीट प्रोटीन होता है. इसका कारण है कि राजमा में 9 अमीनो एसिड में से एक जरूरी अमीनो एसिड 'मेथियोनीन' कम होता है.
जिस तरह से 2 अक्षर मिलकर एक शब्द बनाते हैं, उसकी तरह पूरे 9 अमीनो एसिड मिलकर प्रोटीन बनाते हैं. चावल में 'मेथियोनीन' पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो राजमा में नहीं होता. यानी कि दोनों जब मिलते हैं तो शरीर को कंप्लीट प्रोटीन प्रदान करते हैं.
राजमा में लाइसिन होता है और चावल में लाइसिन कम होता है, जब दोनों साथ खाते हैं तो राजमा लाइसिन देता है और चावल मेथियोनीन की पूर्ति करता है, इस तरह शरीर को फिर से कंप्लीट प्रोटीन मिलता है.

फाइबर और डाइजेशन
राजमा में घुलनशील और अघुलनशील दोनों फाइबर होते हैं जो गैस बनाते हैं, डाइजेशन को धीमा करते हैं और आंतों पर भार डालते हैं. वहीं दूसरी ओर चावल में मौजूद स्टार्च तेजी से पचता है, राजमा के हैवी फाइबर को बैलेंस करता है और आंतों की सूजन को कम करता है. यही कारण है कि राजमा को अकेले खाने पर भारीपन और गैस की समस्या अधिक होती है लेकिन चावल के साथ खाने पर ये सब शिकायतें नहीं होतीं.
फाइटिक एसिड और मिनरल्स अवशोषण
राजमा में फाइटिक एसिड होता है जो नेचुरल एंटी न्यूट्रिएंट है. ये शरीर में आयरन, जिंक और मैग्निशियम जैसे मिनरल्स का अवशोषण करता है. वहीं चावल में फाइिटक एसिड बहुत कम होता है. इसलिए राजमा और चावल को साथ में खाने पर टोटल एंटी-न्यूट्रिएंड लोड कम पड़ता है. वहीं राजमा के मिनरल्स का अवशोषण बेहतर हो जाता है जिससे शरीर में अधिक न्यूट्रिशन पहुंचता है.
ग्लाइसिमिक इंडेक्स
चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मीडियम से हाई होता है जो तुरंत एनर्जी देता है. वहीं राजमा का जीआई काफी कम होता है जो धीरे-धीरे एनर्जी देता है. यदि दोनों को साथ में खाया जाए तो ब्लड शुगर का स्पाइक कम होता है, इंसुलिन प्रतिक्रिया बैलेंस रहती है और देर तक एनर्जी मिलती रहती है. यही कारण है कि राजमा-चावल खाने के बाद व्यक्ति को लंबे समय तक भूख नहीं लगती.
कौन लोग खा सकते हैं राजमा-चावल?
आम लोग, स्टूडेंट्स, ऑफिस में काम करने वाले वर्कर्स को राजमा-चावल रेहड़ियों पर भी उपलब्ध हो जाते हैं जो काफी किफायती होते हैं. राजमा-चावल कोई भी खा सकता है जो हर उम्र के लोगों के लिए हेल्दी होता है. राजमा-चावल सिर्फ एक प्लेट खाना नहीं बल्कि न्यूट्रिशन वाला खाना है.