'प्याज–लहसुन' खाने के लोगों के अलग-अलग तर्क हैं. कुछ ये सोचकर नहीं खाते कि ये तामसिक भोजन में आता है तो कुछ का मानना होता है कि इन्हें खाने के बाद मुंह से दुर्गंध आती है. आज भी कई घरों में ये बहस आज भी जारी रहती है. कई लोग इसे सेहत के लिए ठीक नहीं मानते, तो कुछ इसे परंपरागत स्वाद और औषधीय गुणों का हिस्सा मानते हैं. लेकिन हाल ही में AIIMS और हार्वर्ड-ट्रेंड गैस्ट्रो एक्सपर्ट डॉ. सौरभ सेठी ने इंस्ट्रागाम पर प्याज और लहसुन के बारे में बताया है.
क्या कहते हैं डॉक्टर सेठी?
डॉ. सौरभ सेठी ने बताया, अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए तो प्याज लहसुन ये हमारे पाचन तंत्र, इम्यूनिटी और लंबी उम्र के लिए वरदान बन सकते हैं. प्याज और लहसुन में ऐसे प्राकृतिक कंपाउंड्स होते हैं जो डिटॉक्स एंजाइम्स को एक्टिव करते हैं, शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकालने में मदद करते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं.
ये कंपाउंड्स एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल होते हैं यानी सूजन और बैक्टीरिया/वायरल रिस्क को कम करते हैं. रिसर्च बताती हैं कि प्याज-लहसुन का नियमित सेवन कुछ प्रकार के कैंसर (जैसे पेट, प्रोस्टेट) के खतरे को कम कर सकता है.
पेट की हेल्थ के लिए अच्छा
डॉ. सेठी ने बताया, 'प्याज और लहसुन आपके पाचन तंत्र के लिए भी बेहतरीन हैं. ये आपके गट (आंतों) में पनपने वाले अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं जिन्हें हम प्रो-बायोटिक कहते हैं. इससे आपका डाइजेशन सही रहता है, सूजन कम होती है और इम्यून मार्कर्स बेहतर काम करते हैं.
प्याज-लहसुन खाने का सही तरीका
डॉ. सेठी का कहना है, प्याज–लहसुन से मिलने वाले फायदे उनके एक्टिव कंपाउंड्स पर निर्भर करते हैं इसलिए लहसुन की कली या प्याज काटने के बाद कम से कम 10 मिनट इंतजार करें और फिर उसे पकाएं. ऐसा करने से लहसुन में मौजूद Alliinase एंजाइम एक्टिव होता है और उससे एलिसिन बनता है. ये वही कंपाउंड है जो एंटी-सेल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव देता है. अगर तुरंत उन्हें गर्म तेल में ही डाल दिया जाए तो ये असर कम हो सकता है.
प्याज-लहसुन खाएं या नहीं?
डॉ. सेठी का कहना है कि प्याज और लहसुन खाना गलत नहीं है लेकिन इन्हें संतुलित मात्रा में खाएं और वो भी सही तरीके से, अगर आपको गैस, एसिडिटी या अन्य पेट की समस्या है तो डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह जरूर लें. उसके बाद ही इसका सेवन करें.