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Diet Coke vs Coke Zero: दोनों हैं शुगर फ्री, फिर Diet Coke और Coke Zero में क्या है फर्क?

डाइट कोक कंपनी का पहला शुगर फ्री ड्रिंक था, जिसे 1983 में लॉन्च किया था. इसके बाद 2006 में कोका-कोला ज़ीरो लॉन्च किया गया, जो 2016 में कोका-कोला ज़ीरो शुगर में बदल दिया गया.

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Diet coke and Coke Zero (Photo-coca-cola.co.uk)
Diet coke and Coke Zero (Photo-coca-cola.co.uk)

देश-विदेश में सालों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुके कोक को किसी पहचान की जरूरत नहीं है. कार्बोनेटेड ड्रिंक के रूप में कोका कोला (Coca Cola) ने कई अलग-अलग नाम से ड्रिंक्स निकाले हुए हैं. ऐसे में हेल्थ को तवज्जो देने वाले लोगों के लिए कोका कोला ने डाइट कोक (Diet Coke) की शुरुआत की थी. जिसके नाम से ही समझ आ रहा है कि अन्य वैराएटी के मुकाबले ये सेहत की लिहाज से सही होगी. लेकिन अब मार्केट में न सिर्फ डाइट कोक बल्कि कोका-कोला जीरो शुगर (Coca Cola Zero Sugar) भी मिलती है. इन दोनों में लोगों को फर्क समझ नहीं आता है. आइये हम आपको बताते हैं इनका फर्क.

क्या है कंपनी का कहना?

कोका कोला की वेबसाइट के मुताबिक, डाइट कोक कंपनी का पहला शुगर फ्री ड्रिंक था, जिसे 1983 में लॉन्च किया था. इसके बाद 2006 में कोका-कोला ज़ीरो लॉन्च किया गया, जो 2016 में कोका-कोला ज़ीरो शुगर में बदल दिया गया. टेस्ट के बारे में कंपनी का कहना है कि दोनों ड्रिंक्स शुगर फ्री और कैलोरी फ्री हैं. लेकिन कोका-कोला ज़ीरो शुगर का टेस्ट, कोका-कोला के मूल स्वाद से ज्यादा मिलता है जबकि डाइट कोक का स्वाद अलग होता है, जो हल्का स्वाद देता है.

इंग्रेडिएंट्स में फर्क

दोनों में कार्बोनेटेड वॉटर, केरेमल कलर, फॉस्फोरिक एसिड, पोटेशियम बेंजोएट, एस्पार्टेम, प्राकृतिक स्वाद और कैफीन शामिल हैं (हालांकि आप दोनों के कैफीन मुक्त संस्करण खरीद सकते हैं).  वहीं, कोक ज़ीरो में पोटैशियम साइट्रेट और ऐसल्फ़्लेम पोटैशियम का भी इस्तेमाल होता है, जबकि डाइट कोक में ये नहीं होते. इसके अलावा डाइट कोक में साइट्रिक एसिड होता है, जो कोक ज़ीरो में नहीं पाया जाता है. यानी कहा जा सकता है कि दोनों के इंग्रेडिएंट्स में मामूली फर्क है और लोग इनका चुनाव अपने टेस्ट के मुताबिक कर सकते हैं. 

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