तमिलनाडु के करूर में तमिल सुपरस्टार विजय की पार्टी टीवीके की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना की जांच सीबीआई के कराने की मांग को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. डीएमएसके प्रमुख और अधिवक्ता एमएल रवि ने जनहित याचिका दायर की थी.
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी है. मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच में सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि एसओपी लागू होने तक किसी भी राजनीतिक दल को सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी. सरकार की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब प्रदेश में सार्वजनिक रैलियों को लेकर एसओपी की डिमांड जोर पकड़ रही थी.
मद्रास हाईकोर्ट ने सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए एसओपी की डिमांड करने वाली याचिकाओं का निपटारा करते हुए राज्य सरकार को ऐसा करने के निर्देश दिए थे. मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के जस्टिस धंदापानी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता का किसी पीड़ित से कोई संबंध नहीं है.
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कोर्ट ने याचिकाकर्ता एमएल रवि को फटकार लगाते हुए कहा कि आप कोर्ट को राजनीतिक अखाड़े में नहीं बदल सकते. जस्टिस धंदापानी की बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी और कहा कि रवि एक राजनेता हैं, पीड़ित नहीं. करूर पुलिस की जांच अभी शुरुआती फेज में है. कोर्ट ने बीजेपी नेता जीएस मणि की ओर से सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका भी खारिज कर दी.
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मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग या राज्य के राजमार्ग के पास जनसभाएं या कोई भी कार्यक्रम नहीं किया जाना चाहिए. कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया है कि रैलियों के दौरान पेयजल, चिकित्सा और एम्बुलेंस सेवाएं, शौचालय और निकास मार्ग जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए.