कर्नाटक की राजनीति में जनवरी का पहला हफ्ता अहम रहने वाला है. कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने रामनगर में कहा कि पार्टी को पूरा भरोसा है कि 6 या 9 जनवरी को सत्ता को लेकर बड़ा फैसला होगा. उन्होंने कहा, 'हम आज भी भगवान में विश्वास रखते हैं. 200 फीसदी यकीन है कि 6 या 9 जनवरी को वह सत्ता संभालेंगे.'
इधर, कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया 7 जनवरी को कर्नाटक के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बनने जा रहे हैं. फिलहाल ये रिकॉर्ड पूर्व मुख्यमंत्री देवराज उर्स के नाम है, जिन्होंने दो कार्यकाल में कुल 2,792 दिन (करीब 7.6 साल) तक मुख्यमंत्री पद संभाला था.
जानकारी के मुताबिक 6 जनवरी को सिद्धारमैया देवराज उर्स के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे और 7 जनवरी को उसे पीछे छोड़ देंगे. इस मौके को लेकर सिद्धारमैया समर्थकों और अहिंदा (AHINDA) समूह में खासा उत्साह है.
बताया जा रहा है कि 6 जनवरी को बेंगलुरु में 'नाटी कोली ऊटा' (देशी मुर्गे का भोज) आयोजित करने की योजना है ताकि सिद्धारमैया की इस उपलब्धि का जश्न मनाया जा सके. समर्थक इसे सामाजिक न्याय और अहिंदा राजनीति की जीत के रूप में देख रहे हैं. कुल मिलाकर जनवरी का पहला हफ्ता कर्नाटक की सियासत में रिकॉर्ड, जश्न और सत्ता से जुड़े संकेतों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है.
लंबे समय तक रहा कार्यकाल
कर्नाटक की राजनीति में लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों की गिनती कम रही है. अब तक ये रिकॉर्ड पूर्व मुख्यमंत्री डी. देवराज उर्स के नाम था जिन्होंने दो कार्यकालों में करीब 2,792 दिन मुख्यमंत्री रहते हुए सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों की राजनीति को नई दिशा दी. मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस रिकॉर्ड को तोड़ने के बेहद करीब हैं. साल 2013 से 2018 तक पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले सिद्धारमैया दोबारा सत्ता में हैं और अगर वे 6 जनवरी तक पद पर बने रहते हैं तो उर्स के बराबर पहुंच जाएंगे जबकि 7 जनवरी को वे कर्नाटक के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रच देंगे.