कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को इस बहस को खत्म करने की कोशिश करते हुए बयान जारी किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "नेतृत्व पर फैसले सिर्फ कांग्रेस हाई कमान ही लेता है. पार्टी से कोई बड़ा नहीं है."
AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि खड़गे के बयान को स्वीकार किया जाना चाहिए.
इससे पहले, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि नेतृत्व को लेकर भ्रम सिर्फ स्थानीय स्तर पर है, पार्टी हाई कमान के अंदर ऐसा नहीं है.
कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "अगर आप हर बात के लिए हाई कमान को दोष देते रहेंगे, तो पार्टी कैसे काम करेगी? यहां जो कुछ भी होता है, उसे लोकल लीडरशिप को सुलझाना चाहिए. हाई कमान ने कोई कन्फ्यूजन पैदा नहीं किया है. अंदरूनी मामले लोकल नेताओं को सुलझाने चाहिए."
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'हम मानने को तैयार...'
वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि फैसला राहुल गांधी को लेना चाहिए. उन्होंने कहा, "वह जो भी फैसला लेंगे, हम उसे मानेंगे. मैंने पहले ही पार्टी हाई कमान से बात कर ली है. हम उनका फैसला मानने के लिए तैयार हैं."
लगातार चल रही अटकलों को खारिज करते हुए, सिद्धारमैया ने कहा, "मीडिया लीडरशिप बदलने पर बहुत ज़्यादा चर्चा कर रहा है. इतने सारे सवाल पूछने की क्या ज़रूरत है? जब मैंने विधानसभा में पहले ही यह साफ कर दिया है, तो इस पर दोबारा चर्चा करने की कोई ज़रूरत नहीं है."
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पूर्व मंत्री केएन राजन्ना के डिप्टी चीफ मिनिस्टर डीके शिवकुमार से मिलने पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने कहा, "उन्हें मिलने दीजिए. डीके शिवकुमार पार्टी प्रेसिडेंट हैं, उनसे मिलने में क्या गलत है?"