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क्यों रास नहीं आते रैन बसेरे?

क्यों रास नहीं आते रैन बसेरे?

दिल्ली में ठंड सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. गरीबों के लिए तो यह मृत्युदंड से कम नहीं है. इनकी बदनसीबी देखो कि सड़क पर रात गुजार नहीं सकते और रैन बसेरों में भी जा नहीं सकती है. सर्दी का मौसम आते ही दिल्ली में रैन बसेरों की कम संख्या को लेकर खूब बात होती है, लेकिन तस्वीर दूसरा पहलू यह भी है कि जो रैन बसेरे अभी हैं, उनमें लोग जाने से भी कतराते हैं. महिलाओं और बच्चे तो किसी कीमत पर यहां जाने को तैयार नहीं.

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