आज हम आपको एक ऐसे शख्स की वीरता की कहानी सुनाएंगे. जो हिंदुस्तान की आने वाली पीढ़ियों में भी मिसाल बनकर वतन पर मर मिटने का जज्बा भरती रहेगी. कहानी एक ऐसे परमवीर योद्धा कि जिसने करगिल की चोटियों पर दुश्मनों को चीटियों की तरह मसल दिया और देश की हिफाजत में 12 साल पहले 7 जुलाई 1999 को जान कुर्बान कर दिया.